हिमाचल की राजधानी शिमला में क्रिसेंट स्कूल टुटू में प्रदेश की पहली क्लाइमेट क्लॉक (जलवायु घड़ी) लगाई गई। क्रिसेंट स्कूल के प्रिंसपल सुभाष चंद ने बताया कि क्लाइमेट क्लॉक लगाने के बाद बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसके साथ ही वह अन्य लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं।
पर्यावरण बचाने के लिए कितने रहा समय
इसके साथ ही प्रिंसपल ने बताया कि क्लाइमेट क्लॉक समय के साथ-साथ यह भी बता रही है कि आपके पास पर्यावरण बचाने के लिए सिर्फ 5 साल, 301 दिन, 18 घंटे, 3 मिनट और 16 सेकंड हैं। घड़ी में ग्लोबल तापमान सामान्य से 1.19 डिग्री सेल्सियस अधिक है और पांच साल बाद यह तापमान 1.50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसी स्थिति में मौसम अपरिवर्तनीय हो जाएगा।जिस वजह से या तो सूखा पड़ेगा या फिर लंबे समय तक बारिश, बाढ़ या तूफान आएंगे और 2.0 तक पहुंचने पर स्थिति हमारे हाथ से निकल जाएगी।
1 सेकंड में 14 लाख कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ रहे हम
वैज्ञानिकों का कहना है कि हम 1 सेकंड में 14 लाख किलो कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं। करीब 280 बिलियन टन और छोड़ सकते हैं। इतना हमारे पास मार्जन है। जिस गति से हम कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं, उसमें 5 साल तक का समय ही बचा है। एक्स्पर्ट्स के अनुसार हम अपनी जरूरतें तय करके 100 प्रतिशत सोलर ऊर्जा पर जाना पड़ेगा। पर्यावरण को अभी संतुलित करना जरूरी है और समय भी है।
हालांकि, स्कूल में इस घड़ी को बच्चों को डराने के लिए नहीं बल्कि उन्हें सचेत करने और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए लगाया गया है।