जालंधर लोकसभा सीट पर 9 साल तक राज करने वाले चौधरी परिवार को कांग्रेस पार्टी होशियारपुर से मैदान में उतार सकती है। पार्टी ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि चौधरी परिवार की नाराजगी से कांग्रेस के गढ़ जालंधर को काफी नुकसान हो सकता है। चौधरी परिवार भी एससी वोट पर अपनी पकड़ रखता है। बता दें कि चौधरी परिवार की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ये फैसला ले सकती है।
बता दें कि कांग्रेस हाईकमान ने रविवार को रात लिस्ट जारी कर जालंंधर समेत 6 सिटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया था। जिसमें जालंधर सीट से चरणजीत सिंह चन्नी को टिकट दी गई है जिसके चलते चौधरी परिवार की नाराजगी आसमान पर थी।
जानकारी मिली है कि अगर कांग्रेस चौधरी परिवार को टिकट देती है तो कर्मजीत कौर चौधरी होशियारपुर से उम्मीदवार हो सकती है।
अब जानकारी मिल रही है कि चौधरी परिवार को होशियारपुर से मैदान में उतार सकता है क्योंकि होशियारपुर में कांग्रेस के पास कोई सही उम्मीदवार नहीं है। जिसके चलते चौधरी परिवार उक्त सीट के लिए पुख्ता उम्मीदवार हो सकता है। विक्रमजीत सिंह चौधरी भी जालंधर सीट के लिए दावेदारी कर चुके थे।
हरित क्रांति में निभाई भूमिका
वहीं अगर बात करे पूर्व सांसद स. चौधरी संतोख सिंह परिवार में दूसरी पीढ़ी के नेता थे। दादा गोपाल सिंह किसान थे, जबकि पिता मास्टर गुरबंता सिंह किसानी से राजनीति में आ गए। संतोख सिंह ने यूथ कांग्रेस से अपना सियासी सफर शुरू किया था। 1978 से 1982 तक वो यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे। फिर संगठन से होते हुए प्रदेश सरकार में पहुंचे। कैबिनेट मंत्री रहे। प्रताप सिंह कैरों और ज्ञानी जैल सिंह की सरकार में एग्रीकल्चर और जंगलात मंत्री बने तो पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी खुलवाई और देश में हरित क्रांति लाने में भूमिका निभाई।