पंजाब की साहिबजादा अजीत सिंह नगर(SAS) सीट से आम आदमी पार्टी(AAP) के विधायक कुलवंत सिंह के खिलाफ हरियाणा में केस दर्ज किया गया है। विधायक और उनकी कंपनी मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिडेट(JLPPL) के खिलाफ 156 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। ये मामला MGF बिल्डर ने अलग-अलग धाराओं के तहत गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-2 थाने में केस दर्ज कराया है।
2018 में दोनों कंपनी में हुआ समझौता
बता दें कि दोनों कंपनियों के बीच साल 2018 में समझौता हुआ था। MGF बिल्डर के प्रवक्ता का कहना है कि आप विधायक कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी से समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर उनकी कंपनी के साथ धोखाधड़ी की है। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर ये मामला दर्ज किया गया है।
कंपनी के साथ मिलकर प्रोजेक्ट लॉन्च किया था
जानकारी अनुसार, दोनों बिल्डर कंपनियों नें मोहाली में 100 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। जिसके तहत आप विधायक कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी को MGF कंपनी को 180 करोड़ रुपये देने थे। लेकिन कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी ने लगभग 24 करोड़ 10 लाख रुपये ही अदा किए हैं और जनवरी 2021 से कोई पेमेंट नहीं की।
156 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान नहीं किया
आरोप है कि विधायक और उनकी कंपनी ने अभी तक 156 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का भुगतान नहीं किया है। आर्थिक अपराध शाखा की टीम इस मामले की जांच कर रही है।
500 करोड़ से ज्यादा का हुआ नुकसान
MGF ने आरोप लगाया है कि विधायक की कंपनी मेसर्स जएलपीपीएल ने मेगा रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट सेक्टर-94, मोहाली में संपत्तियों के विकास, बिक्री और मार्केटिंग के संबंध में 31 अक्टूबर 2028 को हुए समझौते की शर्तों का उल्लंघन करके MGF कंपनी के साथ धोखाधड़ी की है। आरोप है कि इस धोखाधड़ी के कारण शिकायतकर्ता को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
FIR दर्ज की गई
दिसंबर 2018 से अलग-अलग किश्त पेमेंट के लिए तय की गई और कुल 180 करोड़ 41 लाख 98 हजार रुपये एमजीएफ को जेएलपीपीएल की ओर से देने तय हुए। कंपनी का कहना है कि एम्मार-एमजीएफ के अलग होने से पहले 21 मई 2013 को जो एग्रीमेंट जेएलपीपीएल के साथ हुआ था, उसमें इनकी 60.89 एकड़ जमीन थी लेकिन 2018 में हुए एग्रीमेंट में एमजीएफ की 51.96 एकड़ जमीन लिखी गई और दस्तावेजों में ये फर्जीवाड़ा किया गया। तय प्लॉन के तहत कंपनी ने सिर्फ 24 करोड़ 10 लाख रुपये की पेमेंट की और जनवरी 2021 के बाद कोई पेमेंट नहीं की।
जबकि एग्रीमेंट के अनुसार इन्हें 180 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। ऐसे में कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार पेमेंट न करना और लगभग 9 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से हड़पने के चलते करोड़ों के नुकसान का आरोप लगाया है। मामले में अब डीएलएफ फेज-2 थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही केस की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है।