पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर शंभू-खन्नोरी बॉर्डर पर डटे हुए है। सोमवार(26 जनवरी) को किसान संगठनों ने शंभू और खनौरी सीमा पर विश्व व्यापार संगठन (WTO) का पुतला फूंका। डब्ल्यूटीओ का पुतला 20 फुट ऊंचा था।
वहीं किसान मजदूर मोर्चा और SKM (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर आज देशभर में शवयात्रा निकाल कर WTO का पुतलों का दहन किया गया। 13 राज्यों के हजारों गांवो में ये विरोध प्रदर्शन किया गया। किसानों का कहना है कि शुभकरण के हत्यारों पर तुरंत मुकदमा दर्ज हो।
ट्रैक्टर मार्च भी निकाला
इसके बाद शंभू बॉर्डर से राजपुरा तक किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह भी बताया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती।
किसान नेताओं ने कहा कि अब किसान आंदोलन 2.0 सिर्फ पंजाब-हरियाणा की बॉर्डर्स पर ही नहीं बल्कि पूरे देश मे फैल चुका है।शंभू और खन्नौरी मोर्चों पर WTO, कॉर्पोरेट घरानों, मोदी-खट्टर और अम्बानी-अडानी के पुतले जलाए गए, इस दौरान हजारों किसानो के नारे आसमान में गूंजते रहे। दोनों मोर्चों पर दिन भर मंचों से WTO की साजिशों और किसान-मजदूर विरोधी नीतियों पर किसान नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद की।
शुभकरण सिंह के हत्यारों पर मुकदमा हो दर्ज
मोर्चे ने एक बार फिर मजबूती से ये मांग उठाई है की पंजाब सरकार शहीद किसान शुभकरण सिंह के हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर, उनके खिलाफ उचित कार्यवाही करें। अगर अब भी पंजाब सरकार ये नहीं करती है तो इस वादाखिलाफी के विरुद्ध किसान खड़ा होगा। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
जब तक मांगें नहीं पूरी होती तब तक जारी रहेगा आंदोलन
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह आंदोलन एमएसपी गारंटी कानून बनाने तक, देश के किसान-मजदूरों का कर्जा खत्म करने तक, लखीमपुर खीरी का इंसाफ लेने तक, C2- 50 के साथ फसलों के दाम लेने तक, सभी केस वापस लेने तक, बिजली विधेयक वापस लेने तक, प्रदूषण से खेती को बाहर निकालने तक, मजदूरों को 200 दिन मनरेगा और 700 रुपये दिहाड़ी दिलवाने तक और डब्ल्यूटीओ से भारत के बाहर आने तक जारी रहेगा।