खबरिस्तान नेटवर्क: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज पीएयू में किसानों के कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ बात भी की। सीएम भगवंत मान ने कहा कि गेहूं रखने की कोई दिक्कत नहीं है। किसानों को आधा गेहूं तो घर पर ही रखना होता है इसको उठाने की भी कोई दिक्कत नहीं है। यूक्रेन में जंग चल रही है जिसके कारण पूरे देश में गेहूं की बहुत ज्यादा डिमांड है। सीएम ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार को यह साफ तौर पर कह दिया है कि हम इस बार गेहूं नहीं देंगे क्योंकि गेहूं लेते समय केंद्र सरकार बहुत ड्रामेबाजी करती है लेकिन अब केंद्र हर तरह के गेहूं लेने के लिए तैयार है। पंजाब देशभर में सबसे ज्यादा 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं पैदा करके देश का पेट भरता है। मान ने कहा कि यह साफ तौर पर कहा है कि गाड़ी खड़ी होती ही हमारा गेहूं तुल जाना चाहिए।
वैज्ञानिकों को मिल रहा है अब वेतन
भगवंत मान ने कहा कि पहली सरकारों के दौरान कृषि विज्ञान की यूनिवर्सिटी ही उनके लिए बोझ बन गई थी। वैज्ञानिकों को वेतन भी नहीं दिया जाता था लेकिन अब सभी को वेतन मिल रहा है और विज्ञान की दुनिया में प्रोफेसर और वैज्ञानिक खोज भी कर रहे हैं। कृषि जब तक संगठनात्मक तौर पर मजबूत नहीं होती। तब तक अच्छे से काम कैसे हो सकते हैं। सरकार ने सबसे पहले खजाने का मुंह ही कृषि की ओर खोला है। सीएम ने कहा कि आज मैं कुछ आंकड़ों के साथ बातचीत करुंगा। धरती के नीचे 153 ब्लॉक पानी के राज्यों को धान देने के चक्कर में पंजाब का पानी खत्म हो रहा है। मान ने कहा है कि जब मैंने 16 मार्च को शपथ ली थी तो सबसे पहले नहरी विभाग को मीटिंग के लिए बुलाया था। पहले 21 प्रतिशत पानी नहरों से इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब ट्यूबवेल का इस्तेमाल हो रहा है।
धान लगाने के तारीख भी की घोषित
सीएम मान ने कहा कि 1 जून से फरीदकोट, मुक्तसर फाजिल्का, बठिंडा, फिरोजपुर में धान लगाना किसान शुरु कर दें क्योंकि वहां पर पानी का लेवल भी थोड़ा सा ऊपर है। इन जगहों पर 8 घंटे तक लगातार बिजली मिलेगी। नहरी पानी भी यहां पर लोगों को दिया जाएगा। वहीं दूसरे जोन में गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारण, रुप नगर, एसएसएस नगर, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में 5 जून से धान लगने शुरु हो जाएंगे। फसल पकने तक बिजली मुहैया करवाई जाएगी। वहीं आखिरी जोन लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, संगरुर, बरनाला, जालंधर, नवांशहर, कपूरथला में 9 जून को धान लगेंगे। इससे यह फायदा होगा कि एकदम से हर जगह पर बिजली नहीं देनी पड़ेगी और इससे ट्रांसफार्मर पर भी लोड कम पड़ेगा।