1 नवंबर को होने वाली बहस को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 'मैं पंजाब बोलदा हां' का नाम दिया है और ये लुधियाना के पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में होगी। यह बहस दोपहर 12 बजे से शुरू हो जाएगी। सीएम ने इसकी जानकारी एक्स पर दी है।
सीएम मान ने किया यह ट्वीट
सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर लिखा कि लुधियाना में एक नवंबर को होने वाली डिबेट का नाम 'मैं पंजाब बोलदा हां' होगा। दोपहर 12 बजे पंजाब की मुख्य सियासी पार्टियां जो अबतक सत्ता में रही हैं, अपना पक्ष रखेंगी। हरेक पार्टी को 30 मिनट का समय दिया जाएगा। प्रो.निर्मल सिंह जोड़ा मंच संचालन करेंगे, पंजाबियों को खुला न्यौता, पंजाब मांगता है जवाब।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि एक नवंबर को लुधियाना में हो रही बहस ‘मैं पंजाब बोलदा हाँ’ के दौरान लोग रिवायती पार्टियों से राज्य के साथ किए गए गुनाहों का जवाब माँगेगे।
लोगों को दिया खुला न्यौता
इस यादगारी के मौके पर शिरकत करने के लिए राज्य के लोगों को खुला न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक सत्ता में रह चुके सभी राजनीतिक पक्षों से बहस के दौरान अपना पक्ष रखेंगी। उन्होंने कहा कि हरेक पार्टी को अपना पक्ष पेश करने के लिए 30 मिनट का समय मिलेगा, जिसमें राज्य से जुड़े मसले उठाए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ‘मैं पंजाब बोलदा हाँ’ बहस के दौरान प्रोफ़ैसर निर्मल जोढ़ा मंच संचालन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘खुली बहस पंजाब को अब तक किसने और कैसे लूटा के आस-पास केंद्रित होगी। इस बहस में भाई-भतीजे, साले-जीजे, मित्र-साथी, टोल प्लाज़े, जवानी-किसानी, व्यापार-दुकानदार, गुरूओं की बाणी, नहरों के पानी की बात होगी।’’ उन्होंने कहा कि रिवायती पार्टियों के नेताओं ने इन सभी मसलों पर पंजाब के साथ गद्दारी की है जिसके लिए इनको राज्य के लोगों के समक्ष जवाबदेह बनाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने इन नेताओं को पंजाब निवासियों और मीडिया के सामने खुली बहस के लिए ललकारा था।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह नेता पंजाब के साथ की गई गद्दारी के लिए जि़म्मेदार हैं और पंजाब की पीठ में छुरा मारने वालों को इतिहास कभी भी माफ नहीं करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहस लोगों को शीशा दिखाएगी कि कुर्बानी की आड़ में कैसे इन नेताओं ने पंजाब के हितों को अनदेखा करके अपने निजी लाभ सुरक्षित किये। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग इन नेताओं द्वारा निजी हितों की ख़ातिर पंजाब और पंजाबियों के विरुद्ध किए गए गुनाहों को तो कभी भूलेंगे और न ही कभी माफ करेंगे।