Both names sound similar, but there is a big difference between them : आपने इंडियन नेवी के साथ-साथ मर्चेंट नेवी के बारे में जरूर सुना होगा। भले ही यह दोनों नाम सुनने में आपको एक जैसा लग रहा होगा, लेकिन दोनों के बीच काफी बड़ा अंतर है। इंडियन नेवी जहां, देश की रक्षा के लिए काम करती है. जबकि, मर्चेंट नेवी का काम समुद्री के रास्ते एक देश से दूसरे देश तक सामानों को ले जाने का होता है। आइए जानते हैं कि किसमें ज्यादा सैलरी मिलती है…
इंडियन नेवी
इंडियन नेवी भारतीय सेना के 3 प्रमुख अंगों में से एक है। थल सेना, वायु सेना की तरह नौसेना यानि इंडियन नेवी का काम समुद्र के रास्ते आने वाले दुश्मनों से देश की रक्षा करना है। नेवी समुद्र की सीमाओं पर, जहां दूसरे देशों की सीमाएं जुड़ती हैं, वहां से दुश्मनों और बाहरी लोगों की निगरानी करती है। इंडियन नेवी दुनिया की चौथी मजबूत नौसेना मानी जाती है। नौसेना में वेतन के रूप में ₹30,000 से ₹2,25,000 तक प्रति माह मिलती है। ध्यान रहे वेतन पद के आधार पर तय होता है।
मर्चेंट नेवी
मर्चेंट नेवी भारतीय नौसेना से काफी अलग है। यह एक व्यावसायिक फील्ड है, जहां समुद्री जहाजों के जरिए एक देश से दूसरे देश तक सामान के साथ-साथ यात्रियों को लाने जाने का काम करती है। इस काम में सरकारी-प्राइवेट दोनों प्रकार की कंपनियां कार्यरत होती हैं, जो एक निश्चित समय अंतराल के कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक लोगों को हायर करती है। इस काम को करने के लिए प्रशिक्षितों की जरूरत होती है। मर्चेंट नेवी में 3 लाख से 20 लाख प्रति वर्ष तक का वेतन मिलता है।
दोनों में अंतर
इंडियन नेवी में पेंशन, रहने की व्यवस्था, स्वास्थ्य जैसे सुविधाएं मिलती हैं लेकिन मर्चेंट नेवी में इस तरह की कोई सुविधाएं नहीं मिलती है।
इंडियन नेवी एक परमानेंट नौकरी होती है जबकि मर्चेंट नेवी कॉन्ट्रैक्ट के तहत की जाती है। इसके कॉन्ट्रैक्ट महीनों से लेकर सालों तक हो सकते हैं।
सैलरी के मामले में मर्चेंट नेवी आगे है। इंडियन नेवी की वेतन के मुकाबले मर्चेंट नेवी की वेतन कई गुना ज्यादा होती है।
इंडियन नेवी एक सरकारी नौकरी है जबकि, मर्चेंट नेवी प्राइवेट कंपनियों द्वारा ही की जाती है। यहां पर कभी भी नौकरी जा सकती है।