आज के समय में महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी इनफर्टिलिटी की समस्या होना आम है। जी हां आज की खराब अनहेल्दी डाइट की वजह से पुरुषों को अक्सर फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या का समान करना पड़ता है। हाल ही में एक स्टडी से पता चला है कि जिन पुरुषों में कम या नो स्पर्म काउंट होते हैं उनके परिवार में कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा होता है।
इस स्टडी की माने तो नो स्पर्म काउंट पुरुष के फॅमिली में हड्डी और जोड़ों के कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। बता दें कि लो स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं स्टडी में क्या पाया गया है, साथ ही पुरुषों में स्पर्म की कमी होने से क्या लक्षण दिखते है।
जानिए स्टडी में क्या पाया गया
यह स्टडी यूटा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर द्वारा की गई है। इस स्टडी में पाया गया की जिन पुरुषों के सीमन में प्रति मिलीलीटर 1.5 मिलियन से कम लो स्पर्म काउंट था, उनमें हड्डी और जोड़ों के कैंसर होने का खतरा 143 प्रतिशत और टेस्टीकुलर कैंसर का खतरा 134 प्रतिशत था।
पुरुषों में टेस्टीकुलर कैंसर होना सबसे आम है और लो स्पर्म काउंट वाले पुरुषों में इस प्रकार के कैंसर के विकसित होने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया है। यही नहीं लो स्पर्म काउंट और अन्य प्रकार के कैंसर जैसे प्रोस्टेट कैंसर के बीच एक संभावित संबंध पाया गया है।
क्या है ओलिगोस्पर्मिया
ओलिगोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक पुरुष के सीमन में शुक्राणुओं की कम मात्रा पाई जाती है। आमतौर पर पुरुषों के सीमन में शुक्राणु की मात्रा कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर होनी चाहिए। ओलिगोस्पर्मिया वाले पुरुषों में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु की मात्रा होती है।
वहीं इसके होने के कई वजह से हो सकता है। जिनमें हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिक विकार, कुछ केमिकलों या विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना, संक्रमण और जीवन शैली के कारक जैसे शराब का सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग और मोटापा शामिल हैं।
क्या हैं ओलिगोस्पर्मिया के लक्षण
इजेकुलेशन के दौरान सीमन यानी वीर्य की कम मात्रा
कामेच्छा या सेक्स ड्राइव में कमी
बार-बार रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन और पुरुषों में ब्रेस्ट टिश्यू का बढ़ना
अंडकोष में दर्द या बेचैनी
असामान्य शुक्राणु का आकार या संरचना
इनफर्टिलिटी की समस्या