मिठाई और नमकीन की जानी-मानी चेन बीकानेरवाला के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल का सोमावार को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। बीकानेरवाला के चेयरमैन अग्रवाल शुरुआत में पुरानी दिल्ली में भुजिया और रसगुल्ले टोकरी में रखकर बेचते थे। धीरे-धीरे दिल्ली की गलियों से निकल कर उन्होंने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया।
पूरी दुनिया में बनाई अपनी पहचान
बीकानेरवाला ने बयान में कहा कि ‘काकाजी' के नाम से प्रसिद्ध अग्रवाल के निधन से एक युग का अंत हो गया है, जिसने स्वाद को समृद्ध किया है और अनगिनत लोगों के जीवन में अपनी जगह बनाई है। भारत में बीकानेरवाला की 60 से अधिक दुकानें हैं और यह अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में भी मौजूद है।
मैनेजिंग डायरेक्टर ने दी जानकारी
समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि काकाजी का जाना सिर्फ बीकानेरवाला के लिए क्षति नहीं है, बल्कि यह पाक क्षेत्र में एक खालीपन है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व हमेशा हमारी खानपान यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।
दिल्ली से शुरू किया था कारोबार
केदारनाथ अग्रवाल ने अपना कारोबार का सफर दिल्ली से शुरू किया था। बीकानेर के रहने वाले उनके परिवार के पास 1905 से शहर की गलियों में एक मिठाई की दुकान थी। उस दुकान का नाम बीकानेर नमकीन भंडार था और वह कुछ प्रकार की मिठाइयां और नमकीन बेचते थे।
शुरूआती दिनों में दिल्ली की गलियों में बेचते थे भुजियां
अग्रवाल बड़ी महत्वाकांक्षाओं के साथ 1950 के दशक की शुरुआत में अपने भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ दिल्ली आ गए। वह अपने परिवार का नुस्ख लेकर आए थे। शुरुआत में दोनों भाई भुजिया और रसगुल्ले से भरी बाल्टियां लेकर पुरानी दिल्ली की सड़कों पर इन्हें बेचते थे।
अग्रवाल बंधुओं की कड़ी मेहनत और बीकानेर के अनूठे स्वाद को जल्द ही दिल्ली के लोगों के बीच पहचान और स्वीकृति मिल गई। इसके बाद अग्रवाल बंधुओं ने दिल्ली के चांदनी चौक में दुकान शुरू कर दी, जहां उन्होंने अपना पारिवारिक नुस्खा अपनाया, जिसे पूरी दुनिया तक फैलाया।