खबरिस्तान नेटवर्क। 20 अक्टूबर को टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन स्टारर फिल्म गणपत रिलीज हो गई है। टाइगर-कृति की जोड़ी हीरोपंती के बाद एक बार फिर वापस लौटी है। एक्शन थ्रिलर इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 16 मिनट है।
फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरुआत एक काल्पनिक दुनिया से होती है। एक तरफ अमीर लोग रहते हैं और दूसरी तरफ गरीब. उनके बीच एक दीवार है। अमीरों ने एक वक्त पर गरीबों का शोषण किया होता है। गरीबों की बस्ती से निकला गुड्डू (टाइगर श्रॉफ) अपने लोगों का बदला लेता है।
गुड्डू ही गणपत है और उसका लक्ष्य क्या है, पूरी फिल्म की स्टोरी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी का प्लॉट थोड़ा बहुत हॉलीवुड फिल्मों से मिलता जुलता है, लेकिन इसे जिस तरह दिखाया जाना चाहिए था, उस तरह दिखा नहीं पाया गया। हम कह सकते हैं कि यह हॉलीवुड फिल्मों की कॉपी करने की एक नाकाम कोशिश है।
स्टारकास्ट की एक्टिंग
इस फिल्म में टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन जैसे बड़े स्टार्स के टैलेंट को वेस्ट कर दिया गया है। इन दोनों का जो पोटेंशियल है, उसके हिसाब से दोनों से और बेहतर काम किया लिया जा सकता था। कृति का नेवरसीन वाला एक्शन अवतार देखने को मिला है। टाइगर और कृति ने फिल्म को थोड़ा बहुत अपने कंधे पर संभालने का काम किया है।
फिल्म में अमिताभ बच्चन का भी छोटा सा कैमियो है। हालांकि बिग बी के कद मुताबिक उनके रोल के साथ भी न्याय नहीं हुआ है।
फिल्म का डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन विकास बहल ने किया है। यह अब तक का उनका सबसे कमजोर काम है। डायरेक्शन में बहुत सारी खामियां हैं। कहानी को हर वक्त कन्फ्यूजिंग बनाकर रखा गया है। जिस सोच के साथ फिल्म बनाई गई उसे पर्दे पर उतारने में डायरेक्टर पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। फिल्म का VFX ऐसा है, जिसे देखकर आपको बहुत निराशा होगी। फिल्म में हर जगह बेवजह के एक्शन सीन्स और डांस नंबर्स की भरमार है। डायलॉग्स बहुत सस्ते हैं। फिल्म का क्लाइमैक्स सबसे निराशाजनक है। फिल्म बिना किसी निष्कर्ष पर ही आकर खत्म हो जाती है।
फिल्म का म्यूजिक
फिल्म की म्यूजिक पर बात करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। गानें ऐसे हैं जो कानों को चुभ सकते हैं। टाइगर श्रॉफ का डांस जरूर देखने लायक है।
अगर आप इस वीकेंड कोई एक्शन पैक्ड फिल्म देखना चाहते हैं तो इसे जरूर देख सकते हैं। इसके अलावा फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जो इसे देखने लायक बनाता है।