Today youth run away on hearing the name of marriage : शादी न करना और शादी का डर दो अलग-अलग बातें हैं। कई युवा शादी का नाम सुनते ही दूर भाग जाते हैं। जब भी माता-पिता शादी की बात करते हैं तो वे इसे टाल देते हैं या कह देते हैं कि मुझे शादी नहीं करनी। देवउठनी एकादशी के बाद से शादी का मौसम शुरू होने वाला है, लेकिन कुछ लोग विशेष कारणों से शादी से परहेज़ करते हैं। झूठे बहाने और ऊंची उम्मीदें अक्सर गमोफोबिया यानी शादी का डर पैदा कर देती हैं। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी की दो छात्राएं दमाडिया पूजा और राठौड़ नैंसी ने शादी के प्रति डर पर सर्वे किया जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।
1242 लोगों पर सर्वे किया
पूजा और नैंसी ने 1242 लोगों पर एक सर्वे किया जिसमें 90.10% लोगों ने कहा कि आज के युवाओं में शादी न करने या देर से शादी करने का विचार होता है। 67.80% का मानना है कि आज के युवा शादी की ज़िम्मेदारी लेना नहीं चाहते। 63.60% का कहना है कि शादी से उनके लक्ष्यों में बाधा आती है, जबकि 70.20% का मानना है कि शादी से उनकी आज़ादी प्रभावित होती है।
करियर व शादी के बीच संघर्ष
68.20% लोगों का कहना है कि आज के युवा अपने करियर में इतने व्यस्त हैं कि सामाजिक रीति-रिवाज जैसे शादी को नकार देते हैं। 74.40% का मानना है कि दूसरों के अनुभवों के कारण भी युवा शादी से दूर भागते हैं। 75.60% ने कहा कि मनचाहा साथी न मिलने की वजह से भी शादी से बचते हैं। 74.40% का कहना है कि आर्थिक समस्याओं के कारण वे शादी नहीं करते।
भरोसे और आजादी के लिए
70.70% लोगों का कहना है कि युवा दूसरों पर विश्वास नहीं कर पाते, इसलिए शादी नहीं करते। 65.40% ने कहा कि पश्चिमी देशों की नकल के चलते भी कई युवा शादी से दूरी बनाए रखते हैं। 76.40% लोगों का मानना है कि शादी का डर बढ़ता जा रहा है। 84.70% का कहना है कि अधिक स्वतंत्रता (More freedom) की चाह शादी के निर्णय को प्रभावित करती है।
मानसिकता और पूर्वाग्रह
73.60% ने कहा कि शादी को लेकर पूर्वाग्रह भी शादी न करने का कारण है. 75.60% लोगों का मानना है कि माता-पिता की असफल शादी का भी युवाओं पर असर पड़ता है. जब लोगों से इस विषय पर राय ली गई तो कई मत सामने आए। आज के युवा करियर, नाम और पहचान के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं और शादी को टालते रहते हैं। शादी की ज़िम्मेदारी को बोझ मानने वाले लोग इसे नकार देते हैं।
समाज की बदलती सोच
वहीं, लिव-इन रिलेशनशिप का चलन भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। बच्चों की जिम्मेदारी के विचार से भी कई लोग घबरा जाते हैं। रिश्तेदारों के कड़वे अनुभव और खुद के बीते बुरे अनुभव लोगों को शादी से दूर कर देते हैं। युवाओं के शादी से दूर भागने के कई कारण हो सकते हैं-जिम्मेदारियों का डर, करियर की प्राथमिकता, मनचाहा साथी न मिलना, रिश्तों में कड़वाहट, तलाक के बाद शादी का डर और किसी भरोसेमंद साथी का न होना। ये सभी वजहें युवाओं को शादी से दूर करती हैं।