जम्मू कश्मीर के कठुआ स्टेशन से क्रेशर लोड करके जालंधर की तरफ आ रही मालगाड़ी बिना ड्राइवर और गार्ड के ट्रैक पर दौड़ती हुई नजर आई। 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जब ट्रेन रेलवे फटकों और स्टेशनों से गुजर रही थी तो सब इस बात को लेकर हैरान थे कि ट्रेन के अंदर कोई भी गार्ड नहीं है और ना ही ड्राइवर।
कठुआ से निकली बिना गार्ड और ड्राइवर के ट्रेन को मुकेरियां के पास ऊंची बस्सी स्टेशन पर रोक दिया गया है। फिलहाल ट्रेन अचानक कैसे दौड़ पड़ी इस बारे में रेलवे ने जांच बैठा दी है और ड्राइवर और गार्ड से पूछताछ कर रही है।
8 बजे सर्कुलेट हुआ मैसेज
रविवार सुबह 8:00 बजे फिरोजपुर मंडल और जम्मू मंडल के सभी स्टेशनों और रेलवे फटकों पर एक मैसेज सर्कुलेट हुआ कि डीएमटी मालगाड़ी कठुआ से बिना ड्राइवर और गार्ड के निकली है। इसलिए पाठकों पर पूरी एहतियात रखी जाए और बरती जाए और फाटक बंद रखे जाएं। जैसे ही मैसेज सर्कुलेट हुआ तो रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया और किसी तरह से ट्रेन को रोकने के लिए प्रयास करने लगे।
मालगाड़ी को रोकने के लिए लगाे गए ईट और पत्थर
मालगाड़ी को रोकने के लिए अलावलपुर में रेल पटरी पर ईंट और पत्थर रखवाए गए थे। ताकि मालगाड़ी के पहिए स्लिप होकर डी रेल हो जाए और मालगाड़ी वहीं रुक जाए। लेकिन समय रहते ही मालगाड़ी को ऊंची बस्सी में रोक दिया गया। एक बड़ा हादसा होने से टल गया है।
पलट भी सकती थी मालगाड़ी
रेलवे की जानकारी ने बताया कि जिस रफ्तार से मालगाड़ी बिना ड्राइवर और गार्ड के रेल पटरी पर दौड़ रही थी अगर उसे रोकने की कोशिश करते तो पलट भी सकती थी। इसलिए मालगाड़ी को ऐसी जगह पर रोकने की कोशिश की जा रही थी जहां ना तो पैसेंजर ज्यादा हो और ना ही प्लेटफॉर्म भरा हो। इसलिए अलावलपुर और मुकेरियां के पास ऊंची बस्सी स्टेशन को चुना गया।
जालंधर से कठुआ तक कुल 100 से अधिक रेलवे फाटक
रेलवे के जानकारों ने बताया कि मालगाड़ी 15 से अधिक रेलवे स्टेशनों को क्रॉस करते हुए ऊची बस्सी पर पहुंची और रास्ते में 50 से अधिक रेलवे फाटक आए होंगे। क्योंकि जालंधर से कठुआ तक 100 के करीब रेलवे फाटक है जहां पर मैसेज सर्कुलेट किया गया था।
अधिकारी जांच कर रहे
इस सारे मामले को लेकर फिरोजपुर मंडल ने निचले स्तर के अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा है और ट्रेन को इस तरह से बिना गार्ड और ड्राइवर के पटरी पर कैसे खड़ा रखा गया इस बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
ट्रैक पर ढलान होने के कारण पकड़ी रफ्तार
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार कठुआ से ट्रेन अचानक जब चली तो वहां पर ढलान होने के कारण ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और जब मुकेरियां के पास पहुंची तो वहां पर ऊंचाई होने के कारण उसकी गति धीमी हो गई जिसके बाद उसे रोक लिया गया। इस घटना में किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन एक बड़ा हादसा होने से टल गया।