victory of Arun Govil, who played the role of Ram, confirmed the political innings of public opinion : टीवी पर रामानंद सागर की 'रामायण' में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल की राजनीतिक पारी पर जनमत ने भी अपनी मोहर लगा दी है। उन्होंने चुनावी दुनिया में कदम जमा लिया है और जीत ने इसे साबित भी कर दिया है। दरअसल चुनाव प्रचार में भी अरुण गोविल ने अपने बयानों से हैरान किया था। उन्होंने कई मौकाें पर कहा कि उन्हें जमीनी मुद्दे पता नहीं है और जब वो जीतेंगे तो इसे समझने की कोशिश करेंगे। गोविल की इस बात ने लोगों को काफी हैरान भी किया। जीहां फिल्मों में उन्हें भले ही अपने इस किरदार का खासा फायदा नहीं हुआ, लेकिन इस किरदार के चलते अब भगवान राम के सहारे ही सही मेरठ की लोकसभा सीट अरुण गोविल की झोली में आ गिरी है। उन्होंने 10585 मतों से जीत हासिल की है। अरुण को कुल 546469 वोट मिले हैं। वहीं दूसरे नंबर पर सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा रहीं, उन्होंने 535884 वोट हासिल किए।
राम के सहारे पार हुई है यह नौका
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान ही अरुण गोविल चर्चा में आए। इसी बीच उन्हें भाजपा से मेरठ लोकसभा सीट के लिए टिकट मिली और उनका चुनावी मुद्दा भी श्रीराम से जुड़ा ही रहा। एक बार फिर वो अयोध्या की सड़कों पर राम बने घूमते दिखे। आंकड़ों पर नजर डालें तो अरुण गोविल कभी आगे तो कभी पीछे चल रहे हैं। उनकी नौका राम भरोसे ही रही। 10 हजार के आस पास ही मार्जिन बना रहा।
पहले कांग्रेस में थे अरुण गोविल
याद दिला दें, राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस (आई) ने अरुण गोविल को पार्टी में शामिल किया था। शीर्ष नेतृत्व चाहता था रामायण के राम यानी अरुण गोविल कांग्रेस (आई) के लिए इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उधमपुर और फरीदाबाद सीट पर चुनावी प्रचार करें। एक इंटरव्यू में अरुण गोविल ने कहा था कि पूर्व पीएम राजीव गांधी उन्हें इलाहाबाद से चुनाव भी लड़ाना चाहते थे, लेकिन यह बात जमीन पर नहीं उतर सकी। कहा जाता है कि उस वक्त अरुण गोविल चुनाव लड़ने में सहज नहीं थे।
राम वाली इमेज का मिला फायदा
अरुण गोविल ने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों से की थी। बाद में उन्होंने टीवी का रुख किया। रामानंद सागर ने साल 1987 में टीवी पर 'रामायण' रिलीज किया था। ये शो दुनियाभर में पॉपुलर हुआ और इसके किरदार उससे भी ज्यादा छाए रहे। इस शो को लोग अपना काम-काज छोड़कर देखते थे और इसके किरदारों को भगवान के रूप में ही मानते थे। इस शो से अरुण गोविल रातों-रात स्टार बन गए और जहां भी जाते लोग उन्हें भगवान राम समझ बैठते,
बोल्ड और विपरीत किरदार नहीं
हाल में ही अरुण गोविल ने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि राम की छवि इस कदर हावी हो गई थी कि लोग उन्हें असल राम मानने लगे थे, ऐसे में कोई भी उन्हें कास्ट नहीं करना चाहता था। अरुण गोविल को एक जैसे ही किरदार मिलने लगे। जहां भी वो अलग तरह के किरदारों के लिए काम मांगने जाते उन्हें इंकार ही सुनना पड़ता था। लोगों का कहना था कि जनता उन्हें किसी भी बोल्ड और विपरीत किरदार में नहीं अपनाएगी।