वेब खबरिस्तान, लखनऊ : अब बच्चों के कंधों का बोझ कम करने के लिए सरकार नो स्कूल बैग के साथ-साथ पढ़ाई के घंटे को भी काम करने की योजना बना रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आने वाले बदलाव की तैयारी में उत्तर प्रदेश की सरकार भी लग गई है। इस नए एजुकेशन प्लान से बच्चों की पढ़ाई काफी बदल जाएगी और रोजाना कंधों पर बड़ा बोझ लेकर स्कूल जाने आने वाले बच्चों को खासा सहूलियत मिलने वाली है। नई शिक्षा नीति के तहत कई नए बदलाव होने वाले हैं।
हर दूसरे शनिवार को अवकाश भी दिया जाएगा
जानकारी के मुताबिक बच्चों को स्कूल बैग नहीं ले जाना होगा तो वहीं पढ़ाई के घंटे भी कम किए जाएंगे. एक सप्ताह में कुल 29 घंटे पढ़ाई होगी जिसमें सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे के बीच में ही कक्षाएं चलाई जाएंगी तो वहीं सहूलियत के तहत हर दूसरे शनिवार को बच्चों को अवकाश भी दिया जाएगा।
तय होगी हर कक्षा की अधिकतम समय सीमा
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में संचालित होने वाली कक्षाओं में अधिकतम समय सीमा भी तय की जाएगी. इस समय सीमा के अनुसार कुछ कक्षाओं की अवधि 35 मिनट होगी वहीं गणित, हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों की कक्षाओं की अवधि अधिकतम 40 से 50 मिनट की होगी।
क्या नहीं ले जाना होगा बैग?, मिलेगी अनुमति
बच्चों को कुछ दिनों तक बिना बैग के आने की भी अनुमति मिलेगी. जानकारी के अनुसार कुछ विशेष दिनों में 10 दिन तक छात्र बिना बस्ते के आ सकते हैं. जिससे कुछ दिन उनके कंधों का बोझ भी हल्का हो सके. इस नई नियमावली के मायने हैं कि बच्चों को कुछ नया सोचने समझने का और रीक्रिएट करने का समय मिले।
साक्षरता दर बढ़ाना सरकारी पॉलिसी का एजेंडा
बच्चे खेलने का भी समय पा सके तो वही अपने रुचि के अनुसार कोई अन्य काम भी कर सके जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके. सरकार बच्चों का सामाजिक और आध्यात्मिक विकास में भी सुधार चाहती है इसके साथ ही बच्चों की तादाद स्कूलों में बढ़े जिससे साक्षरता दर भी बढ़े यह भी सरकार की पॉलिसी का एजेंडा है।