How to Know in-Laws From Astrology : हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर उसके बारे में जाना जा सकता है कि उसका वर्तमान और भविष्य कैसा होगा। इंसान की कुंडली में 12 भाव यानी 12 खाने होते हैं। वे सभी अलग-अलग ग्रह और राशि से संबंध रखते हैं जिनका व्यक्ति के जीवन से सीधा संबंध होता है। कुंडली के सप्तम भाव से व्यक्ति के विवाह, जीवन साथी, ससुराल से धन प्राप्ति, विदेश यात्रा आदि बातों पर विचार किया जाता है। उम्र शादी की हो तो ससुराल और पति/पत्नी कैसा होगा, यह खयाल सबके मन में आता है। ज्योतिष में यह जानने के आसान उपाय बताए गए हैं। मनुष्य के जीवन में कुंडली का खास महत्व होता है। इससे आने वाले कल के बारे में आभास किया जा सकता है। जीवन में कैसा दौर आने-वाला है अथवा अपका जीवन साथी कैसा होगा। सबकी जानकारी कुंडली के सप्तम भाव के आधार पर जानी जा सकती है।
कुंडली की यह बातें भविष्य का देती हैं संकेत
यदि कुंडली के सप्तम भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि का शुक्र विराजमान हो तो ऐसे व्यक्ति का जीवन साथी सुख समृद्धि धन एश्वर्य आदि से परिपूर्ण होता है तथा कला जगत में अपना नाम रोशन करने वाला होता है। यदि सप्तम भाव या सप्तमेश पर उच्च राशि में सूर्य का प्रभाव हो तो ऐसे जातक का जीवन साथी राज्य अधिकार प्राप्त करने वाला तथा ख्याति प्राप्त करने वाला मनुष्य होता है।
राजनीति, कला व मनोविज्ञानिक जीवन साथी
जिस व्यक्ति की कुंडली में सातवें भाव या सप्तमेश पर स्व राशि या उच्च राशि का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी राजनीति, कला, मनोविज्ञान एवं खाद्य एवं पेय पदार्थों के कामों में रूचि लेने वाले तथा विशेष रूप से धन एवं नाम प्राप्त करने वाले होते है।
पुलिस, सेना, मिलेट्री में विशेष यश एवं कीर्ति
जिस जातक की कुंडली के सातवें भाव पर स्व राशि एवं उच्च राशि पर मंगल का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी लड़ाकू, क्रोधी, आवेशी, जिद्दी और हठी होने के साथ-साथ पुलिस, सेना, मिलेट्री आदि में विशेष नाम यश एवं कीर्ति प्राप्त करते है।
धार्मिक क्षेत्रों में नाम कमाता है जीवन साथी
जिस व्यक्ति की कुंडली के सातवें भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर बुध का प्रभाव होता है उस व्यक्ति का जीवन साथी कानून ज्ञाता होता है। 6- जिस व्यक्ति के सातवे भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर गुरु का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी धार्मिक क्षेत्रों में नाम कमाता है।
भूमि-भवन से विशेष लगाव रखता है साथी
जिस व्यक्ति के सातवें भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर शनि का प्रभाव होता है। ऐसे का व्यक्ति जीवन साथी बड़े दांत वाला, मोटी जांघों वाला, भूमि-भवन से विशेष लगाव रखने वाला और जीवन में प्राप्त करने वाला होता है। यदि कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी अष्टम में हो तथा लग्न भाव का स्वामी शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की शादी 25वें वर्ष में होती है।
ऐसी स्थिति में रहेंगे ग्रह तो चमकेगा भाग्य
यदि सप्तम भाव पर सप्तम भाव के स्वामी, शुक्र पर चतुर्थ भाव के स्वामी और चंद्र का प्रभाव हो तो व्यक्ति का विवाह माता पक्ष यानी ननिहाल के किसी रिश्तेदार से होने की संभावना होती है। - यदि सप्तम भाव के स्वामी पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो और शुक्र अपनी उच्च राशि में या स्वराशि में हो तो व्यक्ति की शादी 18, 19 या 20 की उम्र में हो जाती है। कुंडली में सूर्य सप्तम भाव में हो और सप्तम भाव का स्वामी शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की शादी कम आयु में हो जाती है।
शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो अमीर घराने में
यदि शुक्र लग्न से केंद्र में हो और शुक्र से शनि सप्तम भाव में तो व्यक्ति का विवाह 22 से 28 वर्ष के बीच होता है। यदि सप्तम भाव के स्वामी और लग्न भाव के स्वामी का राशि परिवर्तन योग हो या एक-दूसरे को देखते हों तो विवाह कम आयु में होता है। यदि शुक्र सप्तम या नवम भाव में हो और शुक्र से सप्तम भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो तो विवाह 27 से 30 वर्ष की उम्र में होता है। यदि व्यक्ति की कुंडली कुंभ लग्न की हो और सूर्य पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो विवाह अमीर घराने में होता है। यदि कुंडली के सप्तम भाव में वृष राशि हो और शुक्र तथा चंद्र सम राशियों में हो तो व्यक्ति को सुंदर जीवन साथी मिलता है।