उत्तर प्रदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांच नए मेडिकल कॉलेजों में MBBS की पढ़ाई शुरू करने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में मेडिकल की पढ़ाई का सपना देख रहे स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। कानपुर और ललितपुर के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 कर दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में इससे 600 नई एमबीबीएस सीटें क्रिएट हुई हैं। जिससे राज्य में एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए कुल नई सीटों की संख्या 1200 हो गई है। बताया जा रहा है कि अब राज्य में कुल 11,200 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं, जिनमें 5,150 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में और 6,050 सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हैं।
इस संबंध में जेप्पी नड्डा से की थी बातचीत
राज्य की योगी सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से इस संबंध में बातचीत की थी, जिसके बाद मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) में अपील दायर की थी। इसके बाद पहली अपील में सात मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिल गई।
इन 5 कॉलेजों में बढ़ाई गई सीटें
मेडिकल एज्युकेशन के डायरेक्टर जनरल किंजल सिंह ने कहा कि विभाग ने हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एक अपील की थी। जिसके बाद औरैया, चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी और कौशांबी में स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेजों में 100-100 एमबीबीएस सीटों के लिए मंजूरी मांगी गई है।
इसके अलावा हमने कानपुर देहात और ललितपुर में एमबीबीएस सीटों को 50 से बढ़ाकर 100 करने की अनुमति मांगी है. मंत्रालय ने इन सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 एमबीबीएस सीटों के लिए मंजूरी दे दी है, जिससे 600 एमबीबीएस सीटें और बढ़ गई हैं
MBBS की डिग्री क्यों है अनिवार्य ?
ब्रिटेन और भारत जैसे देशों में, जो स्टूेडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं और डॉक्टर बनना चाहते हैं, वे एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करते हैं, जिसका अर्थ है बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS)। एमबीबीएस एक प्रोफेशनल डिग्री है जिसे स्टूडेंट्स अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद शुरू कर सकते हैं।
MBBS कोर्स से जुड़ी कुछ और खास बातें:
- MBBS कोर्स में एडमिशन के लिए, उम्मीदवारों को 12वीं में फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी जैसे विषयों में कम से कम 50% अंक लाने होते हैं।
- MBBS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए, कैंडिडेट्स को NEET UG परीक्षा देनी होती है।
- MBBS कोर्स में एडमिशन के लिए, उम्मीदवारों का मेडिकल रूप से फ़िट होना ज़रूरी होता है।
- MBBS कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवारों के पास अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करने या अपनी प्रैक्टिस शुरू करने जैसे कई विकल्प होते हैं।
- MBBS कोर्स के बाद, उम्मीदवार MD (डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन) और MS (मास्टर ऑफ़ सर्जरी) जैसे कोर्स के लिए भी जा सकते हैं।