पंजाब सरकार ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई प्रबंध किए है। इस संबंध में सीएम मान ने किसानों को पराली निपटाने के लिए 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए सहकारी बैंकों द्वारा राज्य भर में 'फसल अवशेष प्रबंधन लोन योजना' शरू की है।
इस योजना की ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील
सीएम मान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा सभी किसान भाई आपसे अनुरोध है कि इस लाभकारी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं मुख्यमंत्री ने को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि इससे पराली जलाने के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन में बदलने में मदद मिलेगी।
सरकार ने कहा है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन अभियान 2024-25 के तहत agrimachinerypb.com पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
दोबारा खोला गया था पोर्टल
20 जून 2024 तक मशीनरी के लिए कुल 63,904 आवेदन प्राप्त हुए थे। उन्होंने बताया कि जिलों की मांग पर इस पोर्टल को 13 सितंबर से 19 सितंबर 2024 तक दोबारा खोला गया और 19 सितंबर तक इस पर कुल 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 14 हजार मशीनें और जिलों में कस्टम हायरिंग सेंटरों को 1100 मशीनें देने का लक्ष्य रखा है।
मोबाइल ऐप भी किया लॉन्च
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने 'उन्नत किसान' मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है, जिससे धान की फसल के सीजन-2024 से पहले किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें आसानी से मिल सकेंगी उन्होंने आगे कहा कि इस ऐप के माध्यम से ये मशीनें छोटे और सीमांत किसानों के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ऐप पर किसानों के लिए 1.30 लाख से ज्यादा CRM मशीनों की मैपिंग की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस मोबाइल एप्लिकेशन के साथ, किसान अपने आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) से मशीनें आसानी से बुक कर सकते हैं और अधिक सुविधा के लिए ग्राम स्तर के नोडल अधिकारी/क्लस्टर प्रमुख किसान पहले से पसंदीदा मशीन का निर्धारण करेंगे ताकि किसान आसानी से मशीन बुक करें।
पराली जलाने के मामलों में आई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मशीनों के यूज और बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान के कारण फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में फसल अवशेष जलाने की 76,929 घटनाओं की तुलना में 2022-23 में इन घटनाओं (71,159) में 30 प्रतिशत की कमी आई है और 2022 में 71,159 घटनाओं की तुलना में 2023-24 में फसल अवशेष जलाने की 71,159 घटनाओं में कमी आई है- 23। 26 फीसदी की कमी के साथ ये घटनाएं 49,922 रह गईं। भगवंत मान ने आगे कहा कि 2020-21 की तुलना में 2023-24 में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कुल 52 प्रतिशत की कमी आई है।