Time given is 15 days, you can also send your valuable opinion : वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संसद की संयुक्त समिति ने आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों व विशेषज्ञों से सुझाव मांगा है। समिति ने दूसरी बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल सहित उत्तर प्रदेश, राजस्थान के वक्फ बोर्ड व कुछ मुस्लिम संगठनों को भी चर्चा के लिए बुलाया था। विधेयक पर इन सभी की राय जानी गई। इस बीच समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति देशभर के सभी मुस्लिम संगठनों व वक्फ बोर्डों के साथ विधेयक पर चर्चा करेगी और उनकी राय जानेगी। वह एक-एक करके सभी को बैठक में बुलाएगी।
वक्फ विधेयक पर चली चर्चा, राय रिकॉर्ड
समिति ने जिन मुस्लिम संगठनों के साथ विधेयक पर चर्चा की, उनमें ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल, ऑल इंडिया मुस्लिम सिविल लिबर्टीज के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश व राजस्थान वक्फ बोर्ड शामिल हैं। करीब दिनभर चली चर्चा में समिति ने विधेयक से जुड़े प्रत्येक पहलुओं पर राय जानी। उनकी राय को रिकॉर्ड में भी लिया गया।
15 दिनों में अपनी राय दे सकते आम लोग
वहीं समिति ने आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों व विशेषज्ञों से विज्ञापन जारी होने के 15 दिनों के भीतर राय देने का कहा है। इसे दो प्रतियों में अंग्रेजी और हिंदी में लोकसभा सचिवालय के पते पर भेजने या फिर ईमेल करने को कहा है। आम लोगों के सुझाव अभिलेख का हिस्सा होंगे और गोपनीय दस्तावेज माना जाएगा।
समिति के सामने पेश होकर दे सकेंगे राय
अगर समिति के सामने उपस्थित होकर राय देना चाहता है तो वह पत्र या ईमेल के जरिये इसके लिए अनुरोध कर सकता है। हालांकि उन्हें बुलाने का निर्णय समिति का होगा। गौरतलब है कि वक्फ संशोधन विधेयक को देशभर में फैली वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है।
आठ अगस्त को पेश किया गया विधेयक
विधेयक में मुस्लिम महिलाओं व गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों को राज्य वक्फ बोर्डों में भी प्रतिनिधित्व देने, केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना व जिलाधिकारी को किसी संपत्ति को वक्फ में दर्ज करने के लिए नामित अधिकारी बनाना शामिल है। विधेयक को आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। गरमागरम बहस के बाद इसे संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया था।