Deep Impact On life : कई बार बहुत छोटी-मोटी चीजों का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। फिर वह घर की दिशा हो या उसमें रखी वस्तुएं। माना जाता है कि इनमें से कई चीजें घर का वास्तु दोष दूर करती हैं तो कई बार वास्तु दोष का कारण बनती है, जिससे घर में आर्थिक संकट आता है, लोगों का स्वास्थ्य खराब रहता है और घर में लड़ाई झगड़े होते हैं। कुछ वास्तुविदों की मानें तो घर में लड़ाई झगड़े हो रहे हैं तो घर में यह किताब तो नहीं, क्योंकि मान्यता है कि इस किताब के कारण घर में कलह होता है। इस ग्रंथ में एक ही परिवार के दो पक्षों में घनघोर युद्ध का वर्णन है। हालांकि इसी का एक हिस्सा श्रीमद्भागवतगीता हिंदू धर्म की सबसे पवित्र किताब में से एक मानी जाती है। इसको मंदिर में रखकर इसकी पूजा की जाती है।
कौन सी किताब कलह की वजह
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में महाभारत या इसकी कोई तस्वीर घर में नहीं रखनी चाहिए। मान्यता है जिस घर में यह किताब रहती है, उस घर में लड़ाई-झगड़े और कलह का माहौल बनता है और जिस जगह कलह है वहां लक्ष्मी जी नहीं रहती। ड्राइंग रूम या बेडरूम में तो भूलकर भी इसकी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
आर्थिक परेशानी भी आती है
रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, जहां कुमति तहां विपत्ति निदाना, इसका अर्थ है कि जहां सुमति नहीं रहती है, वहां सुविचार, सद्व्यवहार, प्रेम, संतोष, सहयोग, सम्मान की कमी होती है, जो सम्पत्ति का क्षय है और विनाश का मार्ग खुल जाता है।
महाभारत की ये है खास बातें
महाभारत की रचना वेद व्यास ने की थी। इसका एक नाम जय और भारत भी है, बताया जाता है कि इसको पूरा करने में 3 साल लगे थे। इस महाकाव्य में 1 लाख 10 हजार श्लोक हैं और ये विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है।
कुछ नहीं मानते इस विचार को
हालांकि बहुत से लोग इस धारणा को गलत मानते हैं, उनका कहना है कि रामायण में भी तो युद्ध की बात है। इसलिए इस धारणा का आधार ठीक नहीं है, क्योंकि महाभारत में घरेलू कलह के साथ, नीति, ज्ञान, धर्म, कला आदि का भी विवरण है, ऐसे में उससे सीख भी ली जा सकती है।
नहीं रखना चाहिए ये महाकाव्य
कई विद्वान विचार के पीछे का कारण इस ग्रंथ की सुरक्षा से जोड़ते हैं, उनका कहना है कि मध्यकाल में बर्बर आक्रांता किताबों को नष्ट कर रहे थे, इसलिए लोगों ने इसकी सुरक्षा के लिए घरों की जगह छिपा कर रखना जरूरी समझा और इसी के चलते यह धारणा बन गई कि महाभारत को घरों में नहीं रखना चाहिए।