महाकुंभ में खत्म होने में अब सिर्फ 7 दिन बचे हैं। 38 दिनों में कुल 55.56 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। इसी बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 17 फरवरी को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान नदी के पानी की क्वालिटी के बारे में जानकारी दी गई।
इसमें बताया गया है कि दोनों नदियों (गंगा-यमुना) का पानी स्नान करने लायक नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने प्रयागराज में 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल इकट्ठा किया। अब उसकी जांच के नतीजे जारी किए हैं। CPCB ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सूचित किया कि नदियों के पानी में फीकल कोलीफॉर्म का स्तर इतनी अधिक है कि यह स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है।
बता दें कि महाकुंभ मेला में लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं, लेकिन यह रिपोर्ट उनके लिए एक चेतावनी बनकर आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अपशिष्ट जल संदूषण के सूचक 'फेकल कोलीफॉर्म' नाम का बैक्टीरिया, जिसकी स्वीकार्य सीमा 1ML पानी में 100 है, यह 2,500 पाया गया है।
DM बोले- 26 फरवरी तक ही चलेगा मेला
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि सरकार ने भीड़ को देखते हुए महाकुंभ मेला मार्च तक बढ़ा दिया है। इस पर प्रयागराज के डीएम रविंद्र मंदार ने कहा- अफवाहों पर ध्यान न दें। 26 फरवरी को ही महाकुंभ का समापन होगा।
मौन अमावस्या पर मची थी भगदड़
बता दें कि मौन अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी। जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 60 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। वहीं यूपी सरकार ने मृतक के परिवारों के लिए 25-25 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया था।
26 फरवरी तक चलेगा मेला महाकुंभ
बता दें कि महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है। यह हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है। बता दें कि महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू हुआ है और यह 26 फरवरी तक चलेगा।
अंतरिक्ष से धरती पर सिर्फ महाकुंभ जगमग दिख रहा
नासा के अंतरिक्ष यात्री डॉन पेटिट ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से महाकुंभ की 2 तस्वीरें X पर शेयर की हैं। तस्वीरों में अंतरिक्ष से धरती पर सिर्फ महाकुंभ रोशनी से जगमग दिख रहा है।