श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल और बाकी सिख मंत्रियों को सजा सुनाई है। इसके साथ ही दिवंगत प्रकाश सिंह बादल से 'फखर-ए-कौम' की उपाधि भी वापस ले ली गई है। साथ ही सुखबीर सिंह बादल को पांचों तख्तों पर झूठे बर्तन साफ करने होंगे। वह श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। जत्थेदार रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल चोट के चलते श्री दरबार साहिब के बाहर ड्यूटी व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे।
सफाई की सेवा : 3 दिसंबर को सुखबीर और अन्य को दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक श्री दरबार साहिब के बाथरूम की सफाई करनी होगी।
लंगर में सेवा: सफाई के बाद, वे स्नान करेंगे और लंगर (सामुदायिक रसोई) में सेवा करेंगे।
प्रार्थना: उन्हें अपने पश्चाताप के भाग के रूप में श्री सुखमनी साहिब का पाठ करना आवश्यक है।
ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। बता दें कि अकाली दल की सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मुखी राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में सुखबीर बादल और बाकी सिख मंत्रियों को यह सजा सुनाई है।
मजीठिया ने हाथ जोड़कर मांगी माफी
बिक्रम मजीठिया ने भी कहा कि वह 2007 से लेकर 2012 तक कैबिनेट का हिस्सा नहीं थी। पर 2012 से लेकर 2017 तक कैबिनेट का हिस्सा था। मैं किसी भी मुद्दे में शामिल नहीं था, पर मेरी गलती है कि उस कैबिनेट का हिस्सा था। मैं दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
ढींढसा ने भी स्वीकार की अपनी गलती
वहीं परमिंदर सिंह ढींढसा ने भी अपनी गलती स्वीकार की। ढींढसा से सिंह साहिबानों ने पूछा कि क्या आपने बेअदबी की जांच करने वाले अधिकारियों का साथ दिया। तो उन्होंने हां में जवाब दिया और कहा कि जी, मैंने यह गुनाह किया है। वही
बलविंदर भूंदड़ ने आरोपों को नकारा
अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने अपने ऊपर लगे आरोपों से नकार दिया। जत्थेदार ने आरोप लगाया कि आपके घर में सिरसा वाले बाबा की मीटिंग होती रही। इस पर भूंदड़ ने कहा कि यह सरासर गलत आरोप है। जिन लोगों ने यह आरोप लगाए हैं वह मेरे घर का पता तक नहीं बता सकते। इसलिए 200 फीसदी तक यह आरोप गलत हैं।