The heart is the master of one own mind, it owns its own will : दिल में कई राज छिपे हैं। हमारा दिल पेशीय टिश्यू से बना है, जो छाती के बीच लेफ्ट-राइट साइड में होता है। यह 13cm लंबा और 9cm चौड़ा तिकोने आकार का होता है। दिल शरीर में ब्लड को धकेलकर पंप करता है। दिल में 4-5 हजार न्यूरॉन्स होते हैं, जो उसे धड़कने, ब्लड का सर्कुलेशन बनाए रखने में मदद करते हैं। पहले माना जाता था कि ब्रेन ही शरीर को कंट्रोल करता है और हर अंग को आदेश देता है। दिल को भी सिग्नल देकर कंट्रोल करता है।
हार्ट का इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम
नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया कि दिल अपनी मर्जी का मालिक होता है. वह दिमाग से आदेश लेता नहीं बल्कि उसे देता है। स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट और न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने बताया कि हार्ट के अंदर नर्वस सिस्टम होता है, जिसे इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम कहा जाता है, जो दिल के दिमाग के तौर पर काम करता है जिससे वह न सिर्फ दिमाग को लगातार मैसेज भेजता रहता है, बल्कि दिमाग उन्हें मानता भी है।
न्यूरॉन पेसमेकर की नकल करता है
शोधकर्ताओं ने जेब्राफिश की जांच की, जिसके दिल की बनावट और काम का तरीका इंसान के दिल की तरह की है। हार्ट की एक खास जगह सिनोट्रियल प्लेक्सस (SAP) पर फोकस किया गया, जो हार्ट के पेसमेकर के रूप में काम करता है। वैज्ञानिकों ने अलग तरह के न्यूरॉन्स का पता लगाया। न्यूरॉन्स अलग-अलग न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे एसिटाइलकोलाइन, ग्लूटामेट और सेरोटोनिन का इस्तेमाल करके कम्युनिकेशन करते हैं, जो दिल की धड़कन पर कंट्रोल का संकेत देते हैं।
दिल के लिए कितना जरूरी उसका ब्रेन
यह सिस्टम शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए दिल की मदद करता है। दिल सही तरह धड़कता रहे। इसके लिए हार्ट ब्रेन होना बेहद जरूरी है। हालांकि, दिल के दिमाग के पास सोचने की क्षमता नहीं है। इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम न्यूरॉन्स से बना एक इतना कठिन सिस्टम है, जो कंप्यूटर चिप जैसा ही काम करता है। एक रिसर्च में पता चला है कि इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म मेमोरी दोनों की तरह फंक्शन होते रहते हैं।