पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने डिटेन किया है। पुलिस उनका मेडिकल डीएमसी अस्पताल में कराने के लिए पहुंची। लेकिन वह अस्पताल में भी कुछ नहीं खा रहे है। उनको हिरासत में लिए जाने के बाद अब किसान नेता और पूर्व फौजी सुखजीत सिंह हरदो झंडे खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर वे इस अनशन के दौरान मर जाते हैं तो उनका शव यहीं रहेगा और दूसरा किसान मरणव्रत पर बैठ जाएगा। इस बीच किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया।
खोला जाएगा शंभू बॉर्डर, नहीं ले जा सकेंगे ट्रैक्टर-ट्रॉलियां
वहीं, हरियाणा और पंजाब के सीनियर अधिकारियों की बैठक में सहमति बनी है कि शंभू बॉर्डर का 4 फीट का एरिया खोला जाएगा, ताकि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आगे बढ़ सकें। हालांकि अभी इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है।
बजरंग पूनिया का आया बयान
डल्लेवाल की हिरासत पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि संविधान दिवस पर यह संविधान की हत्या है। मैं खनौरी बॉर्डर मोर्चे पर समर्थन में पहुंच रहा हूं। आप सब भी आइए और केंद्र और पंजाब सरकार के इस जुगलबंदी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए। जो किसान, नौजवान शंभू बॉर्डर के नजदीक हैं, वो शंभू बॉर्डर पहुंचे।
रात 2 बजे उठाया डल्लेवाल- पंधेर
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रधान सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि सोमवार रात करीब 2 बजे डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठाया गया है। उन्हें कहां ले गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। जिन्होंने डल्लेवाल को उठाया है, उनमें कई पुलिसवाले हिंदी भाषा बोल रहे थे।
इसका परिणाम होगा बुरा
पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर जुल्म कर रही है। डल्लेवाल को CM भगवंत मान की ज्यूरिडिक्शन से उठाया गया है, इसलिए पंजाब सरकार को किसानों के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। बताना होगा कि उन्हें कहां ले गए हैं? अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
6 नवंबर को दिल्ली करेंगे कूच
आपको बता दें कि डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि वह संसद का सेशन शुरू होते ही अनशन पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। एक दिन पहले सोमवार को फीरदकोट जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे।