Shahrukh Khan had refused to play the role of Devdas, then why did he agree after 1 year : बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की फिल्मों की लिस्ट में देवदास अब भी टॉप और क्लासिक मानी जाती है। इस फिल्म को उनके करियर का बेंचमार्क कहा जाए तो गलत नहीं होगा लेकिन वो इसे करने से मना कर चुके थे फिर ऐसा क्या हुआ जो एक साल के बाद उन्होंने संजय लीला भंसाली को हां कह दिया था। देवदास साल 2002 में रिलीज हुई थी, ये आज हिंदी सिनेमा की बेस्ट फिल्मों में शुमार की जाती है। डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म को शाहरुख खान को ही फर्स्ट स्पॉट में रखकर बनाने का सोचा था। एक्टर के मना कर देने के बाद वो इसे बनाने का फैसला भी छोड़ चुके थे फिर क्या हुआ कि ये फिल्म बनीं और करोड़ों कमाए। शाहरुख ने लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में खुद इसका खुलासा किया।
'मैं हारा हुआ नहीं'
शाहरुख बोले- देवदास एक बहुत ही खास फिल्म है, ये एक ऐसी फिल्म थी जिसे मेरी मां देखना पसंद करती थीं। मेरे पिता भी इसके बारे में बात करते थे। ये देश में रीमेक की गई सबसे बेहतरीन क्लासिक फिल्मों में से एक है। ये एक ऐसे लड़के के बारे में है जो शराबी है, किसी लड़की से वादा नहीं करता और चला जाता है। उस समय, मेरी उम्र में मुझे इसमें कोई खास चीज नहीं मिली।
कोई कास्ट नहीं
एक्टर आगे बोले- कई सालों बाद जब संजय लीला भंसाली जी आए और उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि मैं देवदास बनूं, तो मैंने कहा, 'नहीं, वो एक हारा हुआ इंसान है, शराबी है, मैं देवदास बनने के लिए बहुत कूल हूं लेकिन जाने से पहले उन्होंने बस एक बात कही जो आज भी मेरे दिमाग में है। उन्होंने कहा, 'आप ना होते तो मैं ये फिल्म नहीं बनाता क्योंकि आपकी आंखें देवदास जैसी हैं।' एक साल तक उन्होंने किसी को कास्ट नहीं किया हम फिर मिले और मैंने फिल्म के लिए हां कह दिया।
नहीं करना किरदार
इसी के साथ शाहरुख ने ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित के साथ भी काम करने को लेकर बात की। एक्टर बोले- मुझे ऐश्वर्या और माधुरी के साथ एक ही फिल्म में काम करने का सौभाग्य मिला। ये किरदार निभाना मेरे जीवन के सबसे शानदार अनुभवों में से एक था। मुझे ऐसे किरदार निभाना पसंद नहीं है जो महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। मैं नहीं चाहता था कि फिल्म में उसे इसलिए पसंद किया जाए क्योंकि वो एक महिला का अपमान करता है. और उसके लिए समर्पित नहीं है।
खूबसूरती से बनाया
मैं चाहता था कि वो एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर सामने आए जो स्पाइनलेस है और ऐसा इंसान नहीं जिसे आप आदर्श मानें। शाहरुख ने कहा- भंसाली ने फिल्म को खूबसूरती से बनाया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी देवदास बनना चाहेगा। ये ऐसा किरदार नहीं है जिसे आप अपने मन में बसा कर जाएं। मैं बस ये नहीं चाहता था कि एक ऐसा किरदार जो महिलाओं के साथ उनके मुद्दों को लेकर खड़ा नहीं हो सकता। वो एक अलग तरह पॉपुलर हो। मुझे लगता है कि मैंने ऐसा कर दिखाया था।