होशियारपुर से अनिता सोमप्रकाश को टिकट मिलने के बाद सीनियर दिग्गज नेता विजय सांपला की इस चुनाव की दावेदारी समाप्त हो गई है। सांपला सीट से टिकट के प्रमुख दावेदार थे। ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश को टिकट नहीं देगी, जिस कारण विजय सांपला को टिकट मिलने के आसार बन गए थे।
मगर पार्टी ने सोम प्रकाश की टिकट तो काट दी मगर उनका राजनीतिक वारिस उनकी पत्नी को ही चुना है। हालांकि विजय सांपला पार्टी के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। विजय सांपला के भतीजे रोबिन सांपला को पार्टी ने होशियारपुर सीट से एससी हलका इंचार्ज की जिम्मेदार सौंपी हुई है।
दावेदारी खत्म होने के बाद सांपला ने ट्वीट किया है कि - एक रास्ता बंद होता है भगवान और कई रास्ते खोल देता है। मेरे लिए भी भगवान ने कोई रास्ता ज़रूर निर्धारित किया होगा ।मेरा साथ देने वाले सभी साथियों का बहुत-बहुत धन्यवाद ।
होशियारपुर सीट से अभी सोमप्रकाश सांसद हैं। पार्टी का कहना है कि सोम प्रकाश की सेहत ठीक न होने की वजह से उनकी पत्नी को कैंडिडेट बनाया गया है। सोम प्रकाश पंजाब कैडर में 1988 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी भी रहे हैं। सोम प्रकाश ने फरीदकोट, होशियारपुर और जालंधर के डिप्टी कमिश्नर के रूप में काम किया है।
टिकट की लड़ाई पुरानी
2022 विधानसभा चुनाव में भी सांपला और सोमप्रकाश परिवार फगवाड़ा सीट से टिकट के दावेदार थे। सोमप्रकाश अपनी पत्नी अनिता देवी को टिकट दिलाना चाहते थे तो पूर्व सांसद विजय संपाला अपने बेटे साहिल को टिकट दिलाना चाहते थे। बाद में पार्टी ने विजय सांपला को इस सीट से उम्मीदवार बना दिया था। विजय सांपला चुनाव हार गए थे।
2019 लोकसभा चुनाव में सोम प्रकाश को होशियारपुर से विजय सांपला की टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था। 2019 में तीक्षण सूद खेमे की वजह से सोमप्रकाश को उम्मीदवारी मिली थी। इससे पहले सोम प्रकाश ने भाजपा के टिकट पर 2009 लोकसभा चुनाव लड़ा था। राजनीति में नए खिलाड़ी होने के बावजूद सोमप्रकाश ने कांग्रेस की धुरंधर उम्मीदवार संतोष चौधरी को कड़ी टक्कर दी थी। बेहद करीबी मुकाबले में वह महज 366 वोट से हार गए थे। सोम प्रकाश ने 2012 और 2017 विधानसभा चुनाव फगवाड़ा से लड़ा और दोनों बार जीते।
बयान चर्चा में रहा था
2019 लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद विजय सांपला ने बहुत नपे तुले शब्दों में अपने विरोध जताया था। होशियारपुर से तब के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री रहे विजय सांपला ने इस फैसले के बाद ट्वीट किया था कि - बीजेपी ने गऊ हत्या की है।
सांपला ने अपने पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को बिंदुवार गिनाते हुए बीजेपी नेतृत्व पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, 'मुझ पर भ्रष्टाचार का कोई इल्जाम नहीं है। (मेरे) आचरण पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। (मैंने) क्षेत्र में एयरपोर्ट बनवाया, रेलगाड़ियां चलाईं, सड़कें बनवाईं।' सांपला ने आगे लिखा, 'अगर यही दोष है तो मैं अपनी आने वाली पीढ़ियों को समझा दूंगा कि वह ऐसी गलतियां न करे।' हालांकि इसके बाद वह पार्टी में ही बने रहे और बाद में उन्हें एससी-एसटी कमिशन का चेयरमैन बना दिया गया था।
पति के साथ एक्टिव थी अनिता
पिछले विधानसभा चुनाव में भी अनीता देवी की फगवाड़ा सीट से पार्टी की टिकट की दावेदारी थी। मगर पार्टी ने विजय सांपला को उम्मीदवार बना दिया था। अनीता देवी अपने पति के पहली बार 2012 में विधायक बनने के साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में उतर आई थीं। फगवाड़ा में उन्होंने गरीबों के लिए खाने की ₹10 थाली भी शुरू करवाई थी। पति के पहले विधायक और फिर सांसद बनने के बाद अनीता सोम प्रकाश अपने पति का प्रतिनिधित्व करती रही हैं।