Rohit Sharma bat is silent, remaining 2 matches of England series are very important : टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद से ही भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म एक बड़ी टेशन बनी हुई है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी से होनी है लेकिन इस बडे़ टूर्नामेंट से पहले रोहित शर्मा पिछले कुछ समय से रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने कोई बड़ी पारी नहीं खेली है। ऐसे में टीम में उनकी जगह पर भी सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रहे हैं। इस सीरीज के पहले मैच में भी रोहित फ्लॉप रहे। इसी बीच रोहित को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है।
नाम वापस लेंगे रोहित शर्मा
रोहित शर्मा के लिए पिछले कुछ महीने इंटरनेशनल क्रिकेट में काफी खराब रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी वह रन बनाने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद उनके संन्यास की खबरें भी सामने आईं थीं। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया था कि वह खेलना जारी रखेंगे लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में भी उनका बल्ला नहीं चला। वह 7 गेंदों पर सिर्फ 2 रन ही बना सके और अपना विकेट गंवा बैठे। इसी बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगर रोहित सीरीज के बाकी 2 मैचों में भी फ्लॉप रहते हैं तो वह खुद चैंपियंस ट्रॉफी से अपना नाम वापस ले सकते हैं।
बाकी 2 मैच काफी अहम
यानी रोहित शर्मा के लिए इंग्लैंड सीरीज के बाकी 2 मैच काफी अहम रहने वाले हैं। इन मैचों में भी अगर रोहित रन नहीं बना पाते हैं तो वह बड़ा फैसला ले सकते हैं। वहीं, ये भी दावा किया जा रहा है कि रोहित बाहर होते हैं तो हार्दिक पंड्या इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कमान संभाल सकते हैं। फिलहाल शुभमन गिल भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान हैं. लेकिन हार्दिक पंड्या के पास कप्तानी का ज्यादा अनुभव हैं और वह कई बड़े मौकों पर टीम इंडिया की कमान संभाल चुके हैं।
रोहित का बल्ला खामोश
रोहित शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद कुल 8 टेस्ट मैच और 4 वनडे मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 10.93 की खराब औसत से सिर्फ 164 रन बनाए हैं। इसमें 1 ही अर्धशतक शामिल है। दूसरी ओर वनडे में उन्होंने 39.75 की औसत से 159 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक भी हैं. लेकिन ये दोनों अर्धशतक उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद श्रीलंका दौरे पर खेली गई वनडे सीरीज में लगाए थे। वहीं, पिछली 10 इंटरनेशनल पारियों में तो वह सिर्फ 3 बार ही दहाई का आंकड़ा छू सके हैं, जो टीम इंडिया के लिए बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं हैं।