राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूस के चुनाव में वोटों के भारी अंतर से जीत मिली है। जिसके बाद 71 साल के पुतिन ने अगले 6 सालों के लिए अपने कार्यकाल को सुरक्षित कर लिया है। हालांकि, उनके हजारों विरोधियों ने मतदान केंद्रों पर प्रदर्शन किया। इधर, अमेरिका ने कहा है कि ये चुनाव ना तो स्वतंत्र थे और न ही निष्पक्ष।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन को 87.8 प्रतिशत वोट मिले । दूसरे नंबर पर रहे कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव जिन्हें 4 प्रतिशत से भी कम वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे- व्लादिस्लाव दावानकोव और लियोनिद स्लटस्की चौथे नंबर पर रहे।
नतीजे आने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और कई अन्य देशों ने कहा है कि रूस में चुनाव न तो स्वतंत्र थे और न ही निष्पक्ष। राजनीतिक विरोधियों को कैद किया गया था और सेंसरशिप लगाई गई थी।
पुतिन ने अपने समर्थकों से कहा कि वो यूक्रेन में रूस के ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ से जुड़े कामों को प्राथमिकता देंगे और रूसी सेना को मजबूत करेंगे। "हमारे सामने कई काम हैं. कोई भी हमें डराना चाहे, हमें दबाना चाहे, इतिहास में कोई भी कभी भी ऐसा करने में सफल नहीं हुआ है। वो अब भी सफल नहीं हुए हैं और वो भविष्य में भी कभी सफल नहीं होंगे।