पंजाब में दिवाली के अगले दिन प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। जिसके कारण ज्यादातर शहरों में प्रदूषण ऑरेंज अलर्ट तक पहुंच गया है यानी यहां ग्रेप-1 की स्थिति लागू हो गई है। दिवाली की रात हुई आतिशबाजी के बाद AQI 500 पार कर गया है। जब AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, तो लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
दिवाली की रात हुई आतिशबाजी के बाद बाद अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। इतना ही नहीं इन शहरों का औसत AQI भी 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है।
प्रमुख शहरों में AQI खतरनाक स्तर पर
लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और पटियाला जैसे शहरों में AQI खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया। पटाखों से निकलने वाली हानिकारक गैसें और धूल के कण हवा की गुणवत्ता को काफी खराब कर देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा समय में पीएम2.5 और पीएम10 जैसे प्रदूषक तत्वों का स्तर सामान्य से कई गुना बढ़ गया है, जिससे सांस, अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है।
पाबंदियों के बावजूद बढ़ रहा प्रदूषण
सरकारी निर्देश के मुताबिक दिवाली के मौके पर पटाखे चलाने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक ही है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद शाम को आतिशबाजी शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। प्रशासन ने लोगों से कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का इस्तेमाल कर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह किया था, लेकिन इसके बावजूद शहरों में पटाखों की आवाज और धुआं फैलता रहा।