देश में बहुत जल्द ही पेट्रोल-डीजल के रेट कम होने वाले हैं। क्योंकि अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें पिछले 3 सालों में सबसे निचले स्तर पर आई हैं। जिस कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को फायदा हो रहा है। कहा जा रहा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले तेल के रेट कम किए जा सकते हैं।
इस कारण गिरी कच्चे तेल की कीमत
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई। दिसंबर 2021 के बाद पहली बार कच्चा तेल इस स्तर पर आया है। ग्लोबल इकॉनमी की ग्रोथ धीमी पड़ने से तेल की मांग में कमी आने की आशंका है। इस कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है। इससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है।
तेल कंपनियां करेंगी विचार
मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के सेक्रेटरी पंकज जैन ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक कम रहती है तो तेल कंपनियां फ्यूल की कीमतों को कम करने पर विचार करेंगी। जिससे आम लोगों को थोड़ी सी राहत मिलेगी।
मार्च आखिरी बार कम हुए थे तेल के दाम
इस साल मार्च के महीने में आखिरी बार तेल की कीमतों के रेट कम किए गए थे। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने सरकार के आदेश के बाद कीमतें 2 रुपए तक कम की थी। ये कंपनियां देश के ऑयल मार्केट में 90% की हिस्सेदारी रखती हैं।