पीआईएमएस मेडिकल एंड एजुकेशनल चैरिटेबल सोसायटी (पिम्स) के डॉक्टर पर हिप ट्रांसप्लांट के मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने 4 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही को लेकर डाक्टर को इलाज व जुर्माने के पैसे देने के आदेश दिए हैं। जालंधर के पीआईएमएस मैडीकल एंड एजुकेशन चैरिटेबल सोसायटी पर जालंधर की महिला द्वारा डॉक्टरों से हिप सर्जनी के लिए संपर्क किया था। 32 वर्षीय महिला की हिप सर्जरी सही नहीं हुई तो महिला ने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में पीड़िता के वकील ने साबित किया है कि पीड़िता महिला के पांव की एक उंगली में नस दब जाने के कारण काम करना ही बंद कर दिया था। जिससे उसके काफी परेशानी हुई थी।
जानकारी के अनुसार जब महिला ने हिप ट्रांसप्लांट करवाया और आराम नहीं आया तो महिला चंडीगढ़ इलाज के लिए चली गई। चंडीगढ़ पीजीआई डाक्टरों ने महिला को सारी बात बताई कि हिप को सही जगह पर उसे नाप कर नहीं लगाया गया। जिस कारण तकलीफ हो रही है। जिसके बाद महिला ने पिम्स के डाक्टरों के साथ संपर्क किया। लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिला तो कोर्ट में चली गई।
जानकारी के अनुसार कोर्ट के आदेशों को लेकर पिम्स अस्पताल के डाक्टरों द्वारा पंजाब स्टेट कंज्यूमर कमीशन में चुनौती दी गई थी। मगर वहां से उक्त याचिका का खारिज कर दिया गया था। जस्टिस दया चौधरी और सिमरजीत कौर ने 11 मार्च 2020 को आए कंज्यूमर कोर्ट जालंधर के आदेशों को बरकरार रखा। वहीं, अगर समय से भुगतान नहीं किया गया तो जुर्माना राशि पर ब्याज भी देना होगा।