पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने 20-21 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा सत्र को भी अवैध करार दे दिया है। पंजाब गवर्नर ऑफिस की ओर से पंजाब सरकार को लेटर लिखा गया है, वहीं गवर्नर पुरोहित खुद बॉर्डर एरिया के गांवों के दौरे में व्यस्त हैं। बीते दिनों अमृतसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने इस सेशन को अवैध करार दिया था।
सरकार के लिए जरूरी है सेशन
SYL पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और पंजाब सरकार की ओर से दाखिल जवाब के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार लगातार विरोधी पार्टियों की निगाहों पर है। अब आने वाले दिनों में लोकल बॉडी चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में यह सेशन बुलाना सरकार के लिए अहम हो गया है। अन्यथा उनकी छवि पर असर हो सकता है।
धरती से निकाला जा चुका है 100 प्रतिशत से अधिक पानी
पंजाब के पास हरियाणा के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से पानी की मौजूदगी के बारे फिर मूल्यांकन करने की जरूरत है। कैबिनेट ने इस मसले पर भी विचार-विमर्श किया कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लॉक, जिनमें 153 में से 117 खतरे के निशान पर हैं। यहां धरती में से 100 प्रतिशत से अधिक पानी निकाला जा रहा है। दूसरी तरफ हरियाणा में सिर्फ़ 61.5 प्रतिशत, 143 में से 88 ब्लॉक खतरे की कगार पर है।
संविधान के प्रावधानों के खिलाफ
अमृतसर में मीडिया से वार्ता करते हुए गवर्नर पुरोहित ने इस सेशन को अवैध बताया था। वर्तमान मामले में भी 16वीं पंजाब विधानसभा के चौथे बजट सत्र का एक विशेष सत्र' बुलाना और यह सुझाव देना कि यह चौथे सत्र की निरंतरता है। इस सेशन को 20 जून, 2023 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था कुछ और नहीं बल्कि बजट सत्र को बढ़ाने की एक कोशिश है।
इस सेशन को माननीय राज्यपाल ने 3 मार्च के लिए बुलाया था और जो सत्र के कामकाज के एजेंडे को पूरा होने के बाद 22 मार्च 2023 को खत्म हुआ। अब 24 जुलाई के लेटर में बताई गई वजह के मद्देनजर ऐसा कोई भी विस्तारित सेशन अवैध होना निश्चित है।
अकाली दल का AAP पर प्रहार
इसी के साथ आपको बता दें कि अकाली दल पहले ही आरोप लगा चुका है कि AAP सरकार दोहरा मुखौटा पहने हुए है। उनका आरोप है कि एक तरफ पंजाब में पानी न होने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर कर रहे हैं कि वे SYL बनाना चाहते हैं, लेकिन विरोधी उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं। पहले कांग्रेस व भाजपा और आज अकाली दल ने पानी के मुद्दे को लेकर सीएम आवास का घेराव किया था।
SYL पर सीएम मान ने कही थी यह बात
बीते दिनों कैबिनेट में मंत्रियों के साथ वार्ता करते हुए सीएम मान ने कहा था कि पंजाब के पास किसी राज्य को देने के लिए पानी नहीं है। SYL का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। कैबिनेट ने साफ और सीधे शब्दों में कहा कि सतलुज नदी पहले ही सूख चुकी है और पंजाब के पास किसी और राज्य के पास एक बूंद भी शेयर करने के लिए नहीं है।