पानी विवाद को लेकर हरियाणा और पंजाब के बिच दूरियां साफ देखने को मिल रही है। नशे के खिलाफ पदयात्रा कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एक साथ नजर आएं, लेकिन पानी विवाद कारण दोनों में दूरी देखी गई। यह कार्यक्रम चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में शुरू किया गया है।
पदयात्रा में स्कूल के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए
इस मौके पर राज्यपाल के नेतृत्व में सचिवालय से सेक्टर 17 तिरंगा अर्बन पार्क से नशे के खिलाफ पदयात्रा भी निकाली गईं। इस पदयात्रा में नगर निगम प्रशासन समिति सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियों के अलावा स्कूल के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में भगवंत मान ने कहा कि लोग कहते हैं कि जिंदा रहे तो फिर मिलेंगे, लेकिन मेरा कहना है कि मिलते रहेंगे तो जिंदा रहेंगे। मान ने कहा कि किसी कोई अगर किसी को कोई सलाह लेनी है तो, जब चाहे मिल ले। हमारे दरवाजे खुले हैं। पंजाब के राज्यपाल गुलाब सिंह कटारिया के दरवाजे खुले हैं, हरियाणा के राज्यपाल के दरवाजे खुले हैं। इस दौरान मंच पर बैठे हरियाणा के सीएम का नाम भगवंत मान ने नहीं लिया।
यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सामूहिक संकल्प
इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि, आज नशा मुक्त चंडीगढ़ के इस अभियान में भाग लेना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मैं इस खूबसूरत शहर में उपस्थित आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सामूहिक संकल्प है जिसे हम सभी ने अपने समाज को नशे की लत से मुक्त करने के लिए लिया है।