जालंधर, लोकसभा चुनाव में NDA ने 292 सीट हासिल कर तीसरी बार सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। बुधवार को इसी सिलसिले में NDA की पहली बैठक पीएम आवास में शाम 4 बजे की गई। एक घंटे तक चली मीटिंग में 16 पार्टियों के 21 नेताओं ने नरेंद्र मोदी को फिर से NDA का नेता चुना लिया है। बता दें कि पीएम मोदी के इस्तीफे और कैबिनेट को भंग करने की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकसभा को भंग कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक NDA के सांसदों की मीटिंग 7 जून को हो सकती है। जिसके बाद शाम 5 से 7 बजे के बीच सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए सदस्य राष्ट्रपति के पास जाएंगे। राजनाथ सिंह, अमित शाह और जेपी नड्डा को सभी सहयोगी दलों के साथ वन-टू-वन बात करने और नई सरकार के स्वरूप पर चर्चा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एनडीए सहयोगियों ने रखी यह शर्तें
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा के बाद एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी टीडीपी ने 6 मंत्रालयों समेत स्पीकर पद की मांग रखी है। JDU ने 3, चिराग ने 2 (एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार), मांझी ने एक, शिंदे ने 2 (एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार) मंत्रालयों की मांग की है। जयंत ने भी कहा है कि उन्हें भी चुनाव से पहले एक मंत्री पद देने का वादा किया था। इसी तरह अनुप्रिया पटेल भी एक मंत्री पद चाहती हैं।
भाजपा के पास बहुमत में 32 सीटें कम
लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुल 240 सीटें मिली हैं। जोकि बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। चुनाव में NDA ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार किया है। चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ NDA में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना आसान नहीं है।