अक्षय कुमार स्टारर फिल्म सरफिरा इस शुक्रवार को रिलीज होगी। रियल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 35 मिनट है। यह फिल्म साउथ बेस्ड बिजनेसमैन जी.आर.गोपीनाथ की लाइफ पर बेस्ड है। जी.आर.गोपीनाथ ने देश में पहली बार सस्ती एयरलाइन शुरू की थी। उनका सपना था कि समाज का सबसे निचला व्यक्ति भी हवाई सफर का आनंद उठा सके। साउथ में पहले ही इस पर सोरारई पोटरु नाम से फिल्म बन चुकी है। सूर्या स्टारर इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।
फिल्म की कहानी
सोरारई पोटरु की कहानी का बैकड्रॉप साउथ का था, सरफिरा में महाराष्ट्र का बैकग्राउंड दिखाया गया है। महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में जन्म लेने वाला वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) बचपन से ही क्रांतिकारी सोच का है। वो समाज में शोषितों और वंचितों के लिए कुछ करना चाहता है। इसी सोच के साथ वो इंडियन एयरफोर्स जॉइन करता है, हालांकि इसी बीच एक घटना होती है। वीर के पिता की तबीयत बहुत खराब हो जाती है, वे अंतिम वक्त पर अपने बेटे को बस एक नजर देखना चाहते हैं। वीर जैसे-तैसे करके आर्मी कैंप से दोस्तों से कुछ पैसे उधार लेकर वहां से निकलता है। जल्दी घर पहुंच सके, इसके लिए एयरपोर्ट का रुख करता है। वहां जाकर पता चलता है कि एयरलाइन की टिकट बहुत महंगी है और उसके पास टिकट के सिर्फ आधे ही पैसे हैं। वो एयरलाइन वालों से विनती करने लगता है कि कैसे भी करके उसे जाने दें। वो वहां मौजूद लोगों से मदद भी मांगता है, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता है। आखिरकार वीर सही समय पर घर नहीं पहुंच पाता है और उसके पिता परलोक सिधार जाते हैं। इसी घटना के बाद वीर प्रण लेता है कि वो ऐसी एयरलाइन शुरू करेगा जिसमें लोग कम दाम में भी हवाई सफर कर सकें। टॉप एयरलाइन चलाने वाले बिजनेसमैन परेश गोस्वामी (परेश रावल) वीर के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बनता है। परेश की सोच है कि निचला तबका या मध्यम वर्गीय लोग प्लेन में ट्रैवल नहीं कर सकते, इसमें सफर करने का अधिकार सिर्फ पैसे वालों को है। वीर को गिराने के लिए परेश सारे हथकंडे इख्तियार कर लेता है। वीर अपनी फैमिली और दोस्तों के सपोर्ट के साथ लगातार उस दिशा में काम करता है। अब वीर इन मुसीबतों से कैसे पार पाता है, कैसे वो अपना सपना पूरा करता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
काफी वक्त बाद अक्षय कुमार अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों को रुलाते नजर आए हैं। अक्षय की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। एक अहंकारी बिजनेसमैन के रोल में परेश रावल भी काफी नेचुरल एक्टिंग करते नजर आए हैं। वीर म्हात्रे की पत्नी यानी रानी के किरदार में राधिका मदान ने भी बहुत अच्छा काम किया है। उनका किरदार एक ढीठ और स्वाभिमानी महिला का है, जिसमें वो बिल्कुल परफेक्ट लगी हैं। बाकी सारे सपोर्टिंग एक्टर्स ने अपने-अपने रोल में बेहतर काम किया है।
इस फिल्म की खासियत यह है कि अक्षय कुमार अपनी एक्टिंग की बदौलत इसे अलग लेवल पर लेकर गए हैं। जो इमोशन अक्षय लेकर आए हैं, वो शायद सूर्या भी नहीं कर पाए। यह एक मस्ट वॉच फिल्म है, इसे आप पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं।