जब भी मंगल और केतु एक ही राशि में मिलते है तो विश्व भर में बड़ी घटनाएं होती है। इस दौरान अलग-अलग जगहों पर ज्वालामुखी फटता है और बम ब्लास्ट होते है, तो कही सुनामी/ जल प्रलय जैसी स्थिति और लोगों मैं गुस्सा ज़्यादा बढ़ता है। वही एक बार फिर से ऐसे ही योग बन रहे है।
विश्व भर में 36 साल बाद 7 जून से 1 अगस्त 51 दिनों के लिए मंगल और केतु एक ही राशि यानि सिंह राशि में मिलने वाले है । यह विशेष योग कुजकेतु योग कहलाता है।
1989 में बना था ऐसा योग
इस दौरान युद्ध और ऊर्जा के कारक है और साथ ही केतु और अग्नि तत्व की राशि (मेष, सिंह और धनु ) राशि में खतरानाक जोड़ बनेगा। बता दे कि इससे पहले यह 1989 में हुआ था, लेकिन करीब 36 साल के बाद एक बार फिर से मंगल और केतु एक ही राशि में मिलने वाली है।
पिछली बार 1989 में हुआ था इससे विश्व एवं भारत पर बहुत अधिक दुष्प्रभव कुछ इस प्रकार होंगे,
1. अग्नि कांड (Fire Related incidents/ accidents) इस दौरान बहुत बम ब्लास्ट की खबरें देखने और सुनने को मिलेगी।
2. विश्व भर में हवाई दुर्घटनाएँ होगी, साथ ही किसी बड़े देश के आधिकारि की मौत की खबर मिल सकती है
3. अलग-अलग जगहों पर ज्वालामुखी के फटने की खबरें
4. आतंकवादी घटनाएं और भी ज्यादा बढेगी
5. राजनीति से जुडे लोगों पर हमले होंगे /उनके इस्तिफा देने की खबर मिल सकती है /उनके दुआरा ग़लत निर्णय लिए जाएँगे.
6.पानी (समंदर) के अंदर कुछ प्राकृतिक बदलाव के कारण सुनामी/ जल प्रलय जैसी स्थिति बनेगी , जिससे हज़ारों लाखों लोगों को जान गवानी पड़ेगी , पानी से संबंधित कारणों से लोग जान गवायेंगे । जिसमे से एक कारण एक बाड़ भी होगा। 15 जून के बाद से ये ज़्यादा बढ़ेगा।
7.पूरा यूरोप इस वक्त बुरे दौर से गुज़रेगा , वहाँ एक नये लीडर के आने की ख़बर मिलेगी.
8.आर्मी से जुड़े किसी उच्च पदाधिकारी या अफ़सर की मौत की ख़बर मिल सकती है
9.कुछ देशों के बीच न्यूक्लियर समझौते और केमिकल हथियारों के बीच समझौते होंगे
10.लोगों मैं गुस्सा ज़्यादा बढ़ता जाएगा, सड़क हादसे एकदम से बढ़ेंगे, ख़ून खराबा करने से पीछे नहीं हटेंगे.
भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
इस अनुसार जो है अगले कुछ महीनों में हम सबको कुछ ज़्यादा सावधान रहना है, इसलिए इस बार की गर्मियों की छुट्टियों को पहले जैसा ना समझें, अपनी एवम अपने परिवार की सुरक्षा अपने हाथ मैं रखें, लंबी एवं भीड़ भाड़ वाली यात्राओं और जगहों पर जाने से बचें ।