ख़बरिस्तान नेटवर्क : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित श्री हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। वहीं यात्रा शुरू होने से पहले ही एक बड़ा हादसा सामने आया है। जहां गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर निर्माणाधीन बेली ब्रिज का एक हिस्सा हवा के तेज झोंके के कारण क्षतिग्रस्त होकर नदी में जा गिरा। यह पुल हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। हादसे के समय पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूर कार्यस्थल पर नहीं थे, जिससे एक बड़ी जनहानि टल गई।
25 मई से शुरू होकर 10 अक्टूबर को समाप्त होगी यात्रा
वही बता दें कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब यात्रा 25 मई से शुरू होकर 10 अक्टूबर को समाप्त होगी। जिससे श्रद्धालुओं को पवित्र तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए करीब पांच महीने का समय मिलेगा।
हेमकुंट साहिब का धार्मिक महत्व
श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा और इसके पास स्थित पवित्र हिम सरोवर समुद्र तल से 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह सिख समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। इसके साथ ही धार्मिक मान्यता के अनुसार, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसी स्थान पर कठोर तपस्या कर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था।