बिहार में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। कई नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। वहीं जितिया पर्व के दौरान बुधवार को स्नान के दौरान कई लोग तालाब में डूब गए। इनमें से 40 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अलग-अलग शहरों में हुए हादसों में करीब 50 लोगों के उफनती गंगा में डूबने की खबर है। अकेले औरंगाबाद में तालाब में नहाते समय 10 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा चंपारण, सारण, सीवान, पटना, रोहतास, अरवल, कैमूर में भी हादसे हुए हैं। इन हादसों पर बिहार सरकार ने संज्ञान लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं।
औरंगाबाद में 8 बच्चों की गई जान
जितिया स्नान के लिए तालाब में नहाने उतरे 8 लोगों की डूबने से मौत हो गई। मरने वालों में 2 महिलाएं और 6 बच्चियां शामिल हैं। यह हादसा बारुण शहर के इटहट गांव और मदनपुर शहर के गांव कुशा में हुआ। कुशा गांव के तालाब और इंटहट गांव से गुजर रही बटाने नदी से 8 बच्चों की लाशें मिलीं।
मुख्यमंत्री नीतीश ने किया मुआवजे का ऐलान
औरंगाबाद में मचे मौत के तांडव पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा कि औरंगाबाद जिला अंतर्गत मदनपुर प्रखण्ड के कुशहा गांव में 4 बच्चों और बारूण प्रखण्ड के इटहट गांव में 3 बच्चों की नहाने के दौरान डूबने से हुई मृत्यु दुःखद है। मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।
क्या होता जितिया स्नान?
हिंदू धर्म मे जितिया व्रत (Jitiya snan) बहुत खास माना जाता है। ये व्रत (Jitiya snan) तीन दिनों तक चलता है। इसमें संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा जाता है।