जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के बाहर से वन रेस दौड़ जालंधर मैराथन का आगाज किया गया। जिसमें जालंधर शहर के इलावा दिल्ली व एनआरआईज ने भी हिस्सा लिया। इस रेस में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने हिस्सा लिया और जीतने के लिए एक दूसरे से आगे निकलते रहे।
केपिटल स्माल फाइनांस बैंक की तरफ से करवाई गई वन रेस दौड़ जालंधर मैराथन में सचिन रत्ती अकादमी के 40 बच्चों ने हिस्सा लिया। इस मैराथन में 21, 10 और 5 किलोमीटर की दौड़ करवाई गई। सबसे ज्यादा 5 किलोमीटर में लोगों ने अपनी भागीदारी दी।
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मैराथन की शुरुआत 113 साल के फौजा सिंह ने झंडी देकर की। पहली हॉफ मैराथन में डीसीपी अंकुर गुप्ता, जगमोहन सिंह और समाज सेविका सुष्मा चावला ने भी हिस्सा लिया। डीसीपी अंकुर गुप्ता ने मैराथन की शुरुआत में जालंधरवासियों को फीट रहने का संदेश भी दिया।
गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम से लेकर कूल रोड तक बंद कर दिए थे रास्ते
मैराथन की शुरुआत सुबह 5 बजे ही कर दी गई। पहले सैशन में 21 किलोमीटर का करवाया गया। जिसमें 100 के करीब शहरवासियों ने हिस्सा लिया। 10 किलोमीटर में 150 और 5 किलोमीटर मैराथन में 200 से अधिक बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं ने हिस्सा लिया। मैराथन की शुरुआत से पहले सभी को रिफ्रेशमेंट दी गई और रास्ते में जगह जगह पर मोटिवेट करने के लिए डीजे और भांगड़ा भी डाला गया।
हॉक राइडर्स ने किया सहयोग
इस मैराथन में हॉक राइडर्स के मैंबरों ने भी हिस्सा लिया। उनकी जिम्मेदारी ये थी कि रास्ते को क्लियर करवाना और जो लोग हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें किसी तरह की दिक्कत परेशानी आती है तो तुंरत संभालना। सभी हॉक राइडर्स मैंबरों ने साइकलों पर पहले रोड का जायजा लिया और जो लोग हिस्सा ले रहे थे। उन्हें एक तरफ दौड़ने के लिए कहा।
बच्चों में दिखा उत्साह

इस मैराथन में सबसे ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया और महिलाओं ने। जिनको एक दिन पहले मैराथन दौड़ने वाले धावक सुरिंदर, रोहित और शमा ने ट्रैनिंग दी कि कैसे दौड़ना है और कैसे रेस को जीतना है। दौड़ते वक्त अपने साथी की मदद भी करनी है। क्योकि जो लोग पहली बार दौड़ रहे थे। उन्हें काफी दिक्कत परेशानी भी हुई। लेकिन उन्होंने इस मैराथन का पूरा मजा लिया।
DJ की बीट पर लोगों ने किया भंगड़ा
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सुबह 5 बजे ही गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के अंदर डीजे शुरु हो गया। मंच पर अलग कलाकारों और शहर की नामवर हस्तियों करन, राजन और रुप सिंह ने मैराथन में हिस्सा लेने वालों का हौंसला बढ़ाया। जिन लोगों ने इस मैराथन में हिस्सा लिया। सभी को सर्टिफिकेट दिए गए और मैडल भी।