खबरिस्तान नेटवर्क: मानसून के आगमन के साथ ही खाली पड़े प्लाटों में कूड़े-कचरे और बरसाती पानी के कारण मच्छरों, बैक्टीरिया और बाकी हानिकारक कीटों के पनपने का खतरा तेजी से बढ़ चुका है। इनसे उत्पन्न होने वाले इंफेक्शन और बीमारियों की आशंका को देखते हुए जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बड़ा फैसला लेते हुए सख्त चेतावनी जारी कर दी है। इसके अंतर्गत प्लॉट मालिकों को 10 दिनों के अंदर अपने प्लाटों की सफाई करवानी जरुरी करनी होगी।
होगी कानूनी कार्रवाई
जारी किए गए आदेशों में यह साफ किया गया है कि यदि 10 जुलाई तक प्लॉटों की सफाई नहीं हुई तो संबंधित मालिक के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। डॉ. अग्रवाल ने बीएनएस अधिनियम की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी करते हुए यह भी कहा है कि खाली प्लाटों में जमा कूड़ा, गंदा पानी और गंदगी सिर्फ बदसूरती का कारण नहीं है बल्कि ये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करते हैं। ऐसे स्थानों पर मच्छरों और बैक्टीरिया का तेजी से पनपना डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और बाकी वेक्टर जनित बीमारियों को जन्म देता है। खासतौर पर बरसात के मौसम में इन बीमारियों के फैलने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। डिप्टी कमिश्नर के आदेशों के बाद प्लॉटों की सफाई अब वैकल्पिक काम नहीं रह गए बल्कि यह एक कानूनी जिम्मेदारी भी बन गई है। प्रशासन के इस सख्त रुख से उम्मीद भी की जा रही है कि शहर में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पॉजिटिव बदलाव आएगा। अधिकारियों ने कहा है कि मानसून के इस संवेदनशील मौसम में प्रत्येक नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन खतरों से मिलकर निपटना होगा।

एस्टेट डिवेलपर्स को दी चेतावनी
जालंधर प्रशासन से सभी निवासियों, कॉलोनाइजरों, रियल एस्टेट डिवेलपर्स और बाकी संंबंधित पक्षों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में सफाई को प्राथमिकता दे। प्रशासन के द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती के साथ पालन करें। प्रशासन ने यह साफ किया है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बदार्शत नहीं होगी।

बाउंड्री फेसिंग की जिम्मेदार भी हुई तय
आदेशों में प्लॉट मालिकों की जिम्मेदारी साफ तौर पर तय की गई है जिसके अनुसार वे अपने खाली प्लॉटों से कूड़ा-कचरा तुरंत हटवाएं। साथ ही प्लॉट के चारों और बाउंड्री वॉल या फेसिंग करवाना भी जरुरी है। इससे कोई बाहरी व्यक्ति उसमें कूड़ा न फेंक पाए। यह कदम अवैध कचरा डंपिंग को रोकने और स्थानीय निवासियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करवाने हेतु उठाया गया है।
सरकारी जमीनों पर भी लागू होंगे ये आदेश
ये आदेश सिर्फ निजी प्लॉट मालिकों के लिए ही नहीं बल्कि सभी सरकारी विभागों पर भी समान तौर पर लागू होंगे। डॉ. अग्रवाल ने सभी सरकारी संस्थाओं और विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली खाली जमीनों, कार्यालय परिसरों और बाकी संपत्तियों की सफाई सुनिश्चित करें। इन आदेशों के पालन और निगरानी की जिम्मेदारी विशेष तौर पर एडीसी और निगम अधिकारियों को सौंपी गई है।
10 दिन बाद प्रशासन करवाएगा सफाई
डिप्टी कमिश्नर ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यदि 10 जुलाई तक किसी प्लॉट की सफाई नहीं की जाती है और प्रशासन को सफाई करवानी पड़ती है तो उसका खर्च संबंधित प्लॉट मालिक से वसूला जाएगा। इसके अलावा जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
इस वजह से उठाया गया कदम
डॉ. अग्रवाल ने यह साफ किया है कि यह आदेश नागरिकों को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि समय रहते जरुरी कदम न उठाए गए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है।