It is okay if you are absent from the Independence Day celebrations : केंद्र सरकार 78वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां करने में जुटी हुई है। इस बीच उन अधिकारियों को चेतावनी दी गई है जो लाल किले पर होने वाले समारोह में गैरहाजिर रहते हैं। अगर वे इस बार गैरहाजिर रहते हैं तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। अधिकारियों को राष्ट्रीय समारोह में भाग लेने पर गर्व होना चाहिए। इसको लेकर केंद्र ने पत्र जारी कर पहले से ही आगाह कर दिया है। पत्र में ये भी कहा गया है कि गैरहाजिर रहने पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में बिना चूक के शामिल हों
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी सचिवों को पत्र लिखकर सुनिश्चित करने को कहा है कि संबंधित मंत्रालयों के सभी आमंत्रित अधिकारी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में बिना किसी चूक के शामिल हों। अतीत में समारोह में अधिकारियों के न आने का जिक्र करते हुए गौबा का कहना है कि आमंत्रित अधिकारियों के उपस्थित होने की उम्मीद थी, लेकिन ये देखा गया है कि कुछ अधिकारी समारोह में नहीं आते हैं।
निर्देश का पालन करने हेतु जागरुक करने की सलाह
गौबा ने कहा कि अधिकारियों को स्पष्ट रूप से याद दिलाने की आवश्यकता है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना उनका कर्तव्य है। उन्होंने सचिवों को सभी अधिकारियों को उचित सलाह देने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि जिन लोगों को निमंत्रण मिलता है, उनमें से कई इस समारोह में नहीं आते हैं। एक अधिकारी का कहना है कि इस बार सभी को निर्देश का पालन करने के लिए जागरूक करने के लिए पहले से ही एक सलाह दी गई है।
स्वतंत्रता दिवस पर 15 लाख पेड़ लगाएगा रक्षा मंत्रालय
इधर, रक्षा मंत्रालय 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर देशभर में 15 लाख पौधे लगाएगा। उसने इसके लिए आधिकारिक ऐलान कर दिया है। यह पौधारोपण अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का हिस्सा है। ये अभियान तीनों सेनाओं और डीआरडीओ, रक्षा पीएसयू, सीजीडीए, एनसीसी, सैनिक स्कूल, आयुध कारखानों जैसे संबद्ध संगठनों के माध्यम से चलाया जाएगा।
5 जून को एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत
PM नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत की थी। भारत और दुनिया भर में माताओं को श्रद्धांजलि के रूप में एक पेड़ लगाने का आग्रह किया था। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अभियान में भाग लिया और अपनी मां की याद में पेड़ लगाया। उन्होंने लोगों से प्रकृति की रक्षा के लिए अभियान से जुड़ने और पर्यावरण संरक्षण के आंदोलन को अधिक प्रभावी व गतिशील बनाने में सक्रिय योगदान देने की अपील की है।