खबरिस्तान नेटवर्क : जैसा कि आप देखते होंगे लोगों में टैटू बनाने का बहुत जनून होता हैं और ये रीत काफी समय से चलती आ रही है। मानव इतिहास की बात करें तो कई संस्थाओं की तरफ से इस पर एक्सपेरिमेंट किए जाते रहे है। रिस्चर्स का मानना है कि टैटू की एसी पीढ़ी जो हमारे स्वास्थय पर नजर रखने में मदद करेगी। ऐसे ही अब इंजेक्टेबल स्मार्ट टैटू को तैयार किया जा रहा है। इसे त्वचा के अंदर इंजेक्ट किया जा सकता है।
स्वास्थ्य में होने वाले बदलावों की चेतावनी भी देगा
इस नए तरह के स्मार्ट टैटू से डायबिटीज के मरीजों में खून में शुगर लेवल को पता करना, दिल या फिर गुर्दे के कामों की निगरानी आदि भी इसके जरिए की जा सकती है। साथ ही स्वास्थ्य के निर्धारित मानकों में बदलाव होने पर यह चेतावनी भी देगा।
रिस्चर्स का कहना है कि इसके लिए टैटू के पुराने पारंपरिक स्वाही वाले तरीके में भी बदला जा सकता है।
इंजेक्टेबल सेंसर लगे हैं
MIT (Massachusetts Institute of Technology) के मुताबिक, रिसर्च में यह भी पता चला कि ग्लूकोज और पीएच लेवल यानि हाइड्रोजन जैसा शरीर के तरल पदार्थ में जैव रासायनिक जानकारी के तीन टुकड़े के जवाब में चार बायोसेंसर ने रंग बदल दिया।
एक्सर्पटस् का कहना है कि हमें उम्मीद है कि इस तरह की नई उपलब्धियां प्रतिदिन उपयोग में लाए जाने को लेकर काफी लाभदायक होगी। इसमें प्रत्यारोपण योग्य और इंजेक्टेबल सेंसर की एक विस्तृत शृंखला शामिल है जो वास्तविक समय में मानव स्थिति की रिपोर्ट को प्रदर्शित करने में बेहतर काम कर सकती है।