Indigenous bullet train will be built in India, design is getting ready : भारत में बुलेट ट्रेन की चर्चा अक्सर होती रहती है। अब बुलेट ट्रेन से जुड़ी एक और खुशखबरी आई है। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन भारत में स्वदेशी बुलेट ट्रेन की तैयारी चल रही है। इसका निर्माण का काम भी शुरू हो गया है। चेन्नई में रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में इसका डिजाइन तैयार किया जा रहा है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के मुताबिक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार 10 हजार करोड़ रुपए का भुगतान NHSRCL को करेगी, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र 5000 करोड़ का भुगतान करेंगे।
स्वदेशी बुलेट ट्रेन पर चल रहा काम
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि भारत में स्वदेशी बुलेट ट्रेन का निर्माण शुरू हो गया है। चेन्नई की फैक्ट्री में इसके डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुलेट ट्रेन 250 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से दौड़ेगी। अधिकारी के मुताबिक इस ट्रेन की स्पीड भारत में अब तक के किसी भी ट्रेन से तेज होगी। आपको बता दें कि दुनियाभर में 250 किलोमीटर प्रति घंट की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनों को हाईस्पीड ट्रेन कहा जाता है।
भारतीय तकनीक का हाेगा इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक मेड इन इंडिया बुलेट ट्रेन उत्तर, दक्षिण और पूर्वी कॉरिडोर पर चलेंगी। इन कॉरिडोर्स की हाल में ही ऐलान किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक नए कॉरिडोर में आधुनिक भारतीय तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा इन कॉरिडोर में देश में तैयार हुई चीजों का इस्तेमाल होगा।
जापानी तकनीक की ले रहे मदद
फिलहाल भारत में जापान की तकनीक की मदद से बुलेट ट्रेन तैयार किया जा रहा है। ये ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच दौड़ेंगी। इसकी रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। इन रूटों पर जापान की शिनकानसेन E5 सीरीज की ट्रेन उतारने की तैयारी है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) 40 हजार करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन दे रही है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1.08 लाख करोड़ का खर्च आएगा। NHSRCL के मुताबिक बाकी रकम जापान से कर्ज पर है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव साल 2017 में रखी गई थी। ये प्रोजेक्ट 508 किलोमीटर का है। इसका अधिकतर हिस्सा गुजरात में है।