सोशल मीडिया पर एनीमल फिल्म का गाना अर्जन वैल्ली खूब वायरल है। मगर क्या आप जानते हैं कि ये अर्जन वैल्ली कौन था?
भूपिंदर बबल का गीत सुनकर जोश भर जाता है। इससे पहले पुत्त जट्टां दे फिल्म की गीत में अर्जन का जिक्र आया था। अर्जन वैल्ली लुधियाना जिले के रुड़का गांव का रहने वाला था। उंची लंबी कद काठी वाला अर्जन बहुत रईस था।
उसके पास जमीनें थीं। वह जरूरतमंदों की मदद करता था। मगर उसे धोखा बर्दाश्त नहीं था। कहते हैं कि एक बार अर्जन ने एक गरीब के लिए पुलिस वाले का हाथ तोड़ दिया था। जिसके बाद उसे वैल्ली नाम मिला।
बंटवारे में लोगों की मदद की थी
देश का बंटवारा हुआ तो 1947 में उसने मुस्लिम समुदाय के कई लोगों को मलेरकोटला में बसने में सहायता की। उसने मुस्लिम मित्र रल्ला तेली की मदद की, मलेरकोटला तक उनका सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया। अर्जन बाद में अमृतधारी सिख बना और उसने 'पंजाबी सूबा मोर्चा' में भाग लेने के लिए फिरोजपुर जेल में रहा। अपनी सेवा और लोगों के प्यार चलते ये अर्जन वैल्ली बाद में अर्जन बाबा हो गया।
अकेले किया था बदमाशों से मुकाबला
1968 में अर्जन वैल्ली ने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में आखरी सांस ली। एक ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की सलाह के बावजूद, वह बाहर चले गए और उनके टांके खुल गए, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और उनकी मृत्यु हो गई। अर्जन पर लिखा ये गीत अर्जन की बहादुरी को बताया है कि कैसे उसने दो दोस्तों के साथ बदमाशों का मुकाबला किया था।
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