बॉडी को हाइड्रैट रखने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी हैं। हम में से बहुत से लोग पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का यूज करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है जिन प्लास्टिक की बोतलों का आप पानी पीने के लिए यूज कर रहे हैं वो हेल्थ के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
जी हां डिस्पोजेबल प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीना या प्लास्टिक की बोतलें री यूज़ करना या फिर बोतलों को घंटों तक गर्म होने के लिए कार या धूप में छोड़ देना। ये सभी कंडीशन में प्लास्टिक की बोतल सेहत पर बुरा प्रभाव डालती है। आइए जानते हैं प्लास्टिक की बोतल को लेकर स्टडी क्या कहती है और ये सेहत के लिए कितना खतरनाक हैं।
क्या पाया गया स्टडी 2024 में
बता दें कि जनवरी 2024 में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में एक स्टडी की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। जिसमें पाया गया कि औसतन एक लीटर बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के लगभग 240,000 छोटे टुकड़े शामिल होते हैं।
इनमें से लगभग 90% प्लास्टिक के टुकड़े नैनोप्लास्टिक के हो सकते हैं। इस स्टडी में चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि इन कणों की कुल मात्रा पहले की स्टडी की तुलना में 10 से 100 गुना अधिक है जो ज्यादातर बड़े माइक्रोप्लास्टिक्स पर केंद्रित होती थी।
2022 की स्टडी में कई सौ केमिकल ऑब्जेक्ट्स
जर्नल ऑफ हैज़र्डस मटेरियल्स के 2022 के एक स्टडी में रिसर्चरस ने री यूज़ की गई प्लास्टिक की बोतलों में संग्रहीत नल के पानी का टेस्ट किया। रिसर्चरस ने पाया कि इसमें कई सौ केमिकल ऑब्जेक्ट्स थे जो मानव सेहत के लिए जोखिमभरे हो सकते हैं।
हेल्थ के साथ पर्यावरण पर भी पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है जी वजह से ये पर्यावरण को प्रभावित करने वाले प्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ाते हैं। पानी की प्लास्टिक बोतलें ज्यादातर एक बार से अधिक उपयोग में लायी जाती है और फेंका भी जाता है।
इससे लैंडफिल में अधिक कचरा जुड़ता है और वाटर फ्लो भी ब्लॉकड हो जाता है। प्लास्टिक के टॉक्सिक प्रभाव और केमिकल की वजह से इन बोतलों में लंबे समय तक पानी रखने और पीने से हेल्थ से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती है।
ऐसे में आपको डिस्पोजेबल प्लास्टिक बोतल या दूसरे तरह के प्लास्टिक बोतलों के यूज से हमेशा बचना चाहिए। इसके अलावा आप पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों अपेक्षा अन्य ऑप्शन चूज़ कर सकती हैं।
टॉक्सिक केमिकल
डिस्पोजेबल या अन्य प्लास्टिक की में टॉक्सिक केमिकल मौजूद होते हैं जो केमिकल पोल्शयून और टॉक्सिसिटी की वजह बनती हैं। बता दें कि पलास्टिक की बोतल सूरज की रोशनी और गर्मी के संपर्क में आने से उसमें टॉक्सिक केमिकल निकल सकते हैं।
जब बोतलों को लंबे टाइम के लिए गर्म जगह पर छोड़ दिया जाता है तो माइक्रोप्लास्टिक से कंटेमिनेटेड पाया जाता है जो हेल्थ काफी खतरनाक होता है।
प्लास्टिक की पानी की बोतल में हानिकारक रसायनों का खतरा
हममें से अधिकतर लोगों यही जानते हैं कि प्लास्टिक की पानी की बोतलें सबसे अधिक पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद नहीं हैं। लेकिन स्टडी के मुताबिक प्लास्टिक की बोतलों में मौजूद केमिकल पानी में मिल सकते हैं।
दरअसल प्लास्टिक की पानी की बोतल में खतरनाक केमिकल, पेस्टीसाइड और अन्य तरह के हानिकारक रसायन के अंश होते हैं जो सेहत पर बहुत गलत प्रभाव डालते हैं।
किस तरह के हो सकते हैं हेल्थ रिस्क
प्लास्टिक पीने के पानी में बिस्फेनॉल ए और फ़ेथलेट्स दो एंडोक्राइन ग्लैंड को ईफेक्टिव करने वाले केमिकल मौजूद होते हैं। जो समय के साथ ये आपकी अवरोधक प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं
इसके अलावा ये थायरॉयड फ़ंक्शन को बदलने और संभावित रूप से बच्चों के विकास को बाधित कर सकते हैं।
पानी पीने के लिए इन बोतलों का इस्तेमाल करें
पानी पीने के लिए ग्लास से बना वाटर बॉटल सबसे बढ़िया है। इसमें पानी की स्वाद और शुद्धता दोनों बनी होती है। स्टेनलेस स्टील इन्सुलेशन लाभ प्रदान करता है जो पेय पदार्थों को गर्म या ठंडा रखता है। साथ ही सुरक्षित हाई क्वालिटी वाली री यूजेबल स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतल भी इसमें शामिल हैं।