दिल्ली में प्रदूषण पिछले कुछ दिनों से बेहद खतरनाक लेवल पर बना हुआ है। सोमवार सुबह यहां औसत AQI 481 रिकॉर्ड किया गया। अशोक विहार और बवाना इलाके में AQI 495 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में AQI लेवल 576 तक पहुंच गया। जिसके कारण वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रैप-4 के तहत आज से सख्त प्रतिबंध लागू हो रहे हैं।
बढ़ते प्रदूषण के कारण आज सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में बदले हुआ ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे फेज को लागू कर दिया है। इसके साथ ही 9वीं तक के स्कूलों की ऑनलाइन क्लास चलाने को कहा गया है। 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए मास्क जरूरी कर दिया गया है।
वहीं हरियाणा के भी 5 जिलों के प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। 14 जिलों में GRAP-4 के प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हव प्रदूषण के स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
- GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
- GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
- GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
- GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
GRAP-4 के लागू होने साथ ही कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही बच्चों, बुजुर्गों, सांस और दिल के मरीजों, पुरानी बीमारियों से पीड़ितों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
ग्रैप-4.. क्या हैं बंदिशें?
ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है।
सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं (क्लासेस) और सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं।
ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है।
जीआरएपी स्टेज 4 के तहत दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाले मध्यम, भारी माल वाहनों (बीएस-IV या उससे कम) पर प्रतिबंध है, लेकिन जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले वाहनों को छूट होगी।
दिल्ली-एनसीआर में स्थित कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की सलाह दी गई है, शेष कर्मचारियों को घर से काम करना होगा यानी वर्क फ्रॉम होम।