Five Mysterious Temples of Haridwar, one of the famous and holy religious cities : हरिद्वार भारत के प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक शहरों में से एक है। यहां पर आकर्षण के लिए कई भव्य और रहस्यमय मन्दिरों की श्रृंखला है। हरिद्वार भारत की पावन भूमि है। उत्तराखंड में स्थित हरिद्वार भारत के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक है। जहां पर जाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह नगर साल के 12 महीने भक्तिमय और ईश्वर की श्रद्धा से पूर्ण रहता है। शहर भर में मंदिरों, आश्रमों और संकरी गलियों से भरा हरिद्वार एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर शहर है। जहाँ लाखों भक्त पवित्र गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि पवित्र हर की पौड़ी में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यह हरिद्वार में आकर्षण का मुख्य केंद्र है। हरिद्वार के कोने कोने में स्थित मंदिर भी हरिद्वार के आकर्षण में चार चांद लगाते है।
हरिद्वार के 5 प्रमुख रहस्यमस्य मंदिर (Haridwar Top 5 Temple)
1. पावन धाम मन्दिर (Pawan Dham Temple)
लोकेशन: सप्त सरोवर रोड, हरिद्वार, उत्तराखंड, समय: सुबह 6 से रात के 8 बजे तक
भारत का इकलौता काँच का बना हुआ मंदिर है। यह मंदिर सप्त सरोवर रोड, हरिद्वार में स्थित हैं। पावन धाम का मंदिर हर की पौड़ी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पवन धाम मंदिर में जटिल वास्तुकला, विस्तृत कांच का काम और बहुमूल्य रत्नों और कीमती पत्थरों से सजी मूर्तियाँ हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान कृष्ण की भव्य मूर्ति है जो अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दे रही है।
2. भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir)
लोकेशन: भारत माता मंदिर सप्त ऋषि, रोड, भूपतवाला, हरिद्वार, उत्तराखंड
8 मंजिलों और 180 फीट का मंदिर इस मंदिर को 1983 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा भारत माता के प्रति अपनी निष्ठा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था। मंदिर की इमारत 180 फीट की ऊंचाई तक बनी हुई है। मंदिर की प्रत्येक मंजिल एक विशेष विषय पर आधारित है, जिसमें कई पौराणिक किंवदंतियों, धार्मिक देवताओं, स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं की आकृतियाँ हैं। इस मंदिर में जाने के लिए कोई एंट्री फ़ीस नहीं है। यहां सुबह 8 बजे से रात 7 बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जाया जा सकता है। दशहरा, अमावस्या, पूर्णिमा जैसे त्योहारों के दौरान यहां घूमने का अलग ही मज़ा है। इस मंदिर में भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों, वैज्ञानिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों आदि की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
3. तिलभाणडेश्वर महादेव मंदिर(Tilbhandeshwar Mahadev Mandir)
लोकेशन: सती घाट, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड
हरिद्वार में एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है जो आज भी अपने भीतर रहस्य समेटे हुए हैं। महादेव का स्वयंभू शिवलिंग हैं, यह शिवलिंग महीने में 15 दिन बढ़ता है और अगले 15 दिन घटता है। हरिद्वार की उपनगरी दक्ष नगरी कनखल में स्थित तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है।तिल भांडेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर स्थित पवित्र शहर हरिद्वार के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
4. भीमगोढ़ा काली माता मंदिर (Bhimgodha Kali Mata Mandir)
लोकेशन: भीमगोड़ा बैराज रोड, ऋषिकेश रोड, बिड़ला घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
भीमगोड़ा काली माता मंदिर हरिद्वार के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ये मंदिर हर की पैड़ी से 300 मीटर की दूरी पर भीमगोडा रोड पर स्थित है। भीमगोडा बैराज, जिसे भीमगोडा वियर या भीमगोडा हेड वर्क्स के रूप में भी जाना जाता है, भारत के उत्तराखंड में हरिद्वार जिले में हरिद्वार के पास हर की पौड़ी में गंगा नदी पर एक बैराज है। चंडी देवी के बाद रेलवे लाइन हरिद्वार के किनारे पहाड़ पर स्वयं प्रकट हुई मां काली का एक ऐसा मंदिर विराजमान है, जिसने अब से करीब सवा सौ साल पहले अंग्रेजों का रास्ता भी रोक दिया था।
5. पर्देश्वर महादेव मंदिर (Pardeshwar Mahadev Mandir)
पारदेश्वर महादेव मंदिर क्या आपको पता है हरिद्वार में एक मरक्यूरी यानी पारे से बना ऐसा शिवलिंग है जिसकी पूजा कर रावण ने अपनी लंका को स्वर्ण में तब्दील कर लिया था। हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में स्थित श्री पारदेश्वर महादेव मंदिर एक पूजनीय स्थल है, जो हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। हरिद्वार से लगभग 2 किमी दूर स्थित इस मंदिर में 150 किलोग्राम पारे से बना एक अनोखा शिव लिंग है, जिसे पारद के नाम से जाना जाता है। पारा एकमात्र ऐसी धातु है जो सामान्य परिस्थितियों में तरल रूप में रहती है, और विशेष प्रक्रियाओं के माध्यम से इसे पवित्र पारद शिवलिंग बनाने के लिए ठोस बनाया जाता है।