बठिंडा-मानसा हाइवे पर बने टोल प्लाजा को जेसीबी से किसानों ने तोड़ दिया है। भारतीय किसान यूनियन और भारतीय किसान यूनियन(एकता सिद्धुपुर) के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। किसानों ने कहा कि ये टोल प्लाजा कई सालों से बंद पड़ा जो सड़क हादसों का कारण बन रहा था।
पहले भी तोड़ चुके टोल प्लाजा
घटना बठिंडा के घुम्मन कलां गांव में हुई। किसान संगठनों ने जेसीबी मशीनों के साथ टोल प्लाजा पर पहुंचे और ध्वस्त कर दिया। बता दें कि यह दूसरी बार है जब किसानों ने इसी हाइवे पर बंद पड़े टोल प्लाजा को तोड़ दिया था। किसान संगठन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पर भी दबाव बनाते रहे हैं।
BKU (एकता डकौंदा) ने NHAI को मजबूर किया था कि वह बरनाला में राज्य राजमार्ग के एक हिस्से पर स्थित एक टोल प्लाज़ा को राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से में स्थानांतरित करे। इसके अलावा, संगठन बठिंडा-मुक्तसर रोड पर वारिंग गांव में एक अन्य टोल प्लाज़ा को बंद करने के लिए भी विरोध प्रदर्शन करता रहा है।
कई बार कर चुके प्रदर्शन
किसान संगठन का कहना है कि सड़क पर एक पुल के पास सड़क को चौड़ा नहीं किया गया। किसान नेता मोहिंदर और रेशम सिंह यात्री ने कहा कि टोल प्लाजा को तोड़ने से पहले हमने पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शन किया था। कई मौकों पर अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था लेकिन कुछ नहीं किया गया।
रात को लाइट कम होने के कारण होते है हादसे
लोगों ने सड़क हादसों से बचाने के लिए टोल प्लाजा को तोड़ने का फैसला लिया क्योंकि गैर-कार्यात्मक प्लाजा के कारण पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। खासकर रात में, क्योंकि यहां रोशनी कम होती है।