देश में इलेक्शन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानि के EVM से ही होंगे। इसके लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और न ही EVM से VVPAT की स्लिप की क्रॉस चैकिंग भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी EVM की सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कीं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2 निर्देश भी दिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे सिस्टम में दखल से बेवजह शक पैदा होगा। हमने प्रोटोकॉल, तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है। हमने 2 निर्देश दिए थे।
पहला- सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाए। सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक स्टोर रखा जाए।
दूसरा- उम्मीदवारों के अपील पर रिजल्ट के बाद इंजीनियरों की एक टीम माइक्रोकंट्रोलर EVM में बर्न मेमोरी की जांच करेगी। यह काम रिजल्ट घोषित होने के 7 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।इसका खर्च कैंडिडेट को उठाना होगा। अगर जांच में पता चलता है कि EVM से छेड़छाड़ की गई है तो जो खर्च कैंडिडेट ने किया है, उसे री-फंड कर दिया जाएगा।
24 अप्रैल को रखा था फैसला सुरक्षित
इससे पहले 24 अप्रैल को 40 मिनट की सुनवाई के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि हम मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं। हमारे कुछ सवाल थे और हमें जवाब मिल गए हैं। फैसला सुरक्षित रख रहे हैं।