कारोबारी चंद्रशेखर अग्रवाल की जीटीबी नगर कोठी और नकोदर रोड पर बने ऑफिस में ईडी की रेड के बाद जालंधर में रियल एस्टेट कारोबार से खबरों का बाजार गर्म रहा। वहीं, अब रियल एस्टेट कारोबारी चंद्रशेखर अग्रवाल उर्फ शेखर के घर व दफ्तर में ईडी की रेड कंप्लीट हो गई है। ईडी को दफ्तर व घर से अहम सुराग व डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिन पर जांच शुरू की जाएगी। दफ्तर से ईडी को प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड से लेकर पैसे के लेनदेन का रिकॉर्ड मिला है।
बता दें कि जालंधर में 66 फुटी रोड रियल एस्टेट हब बना हुआ है। इसी रोड पर चंद्र अग्रवाल के भी बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। एजीआई के बाद चंद्रशेखर अग्रवाल के इस रोड पर आने से रियल एस्टेट कारोबार को बड़ा बूम मिला था।
ईडी राजस्व विभाग से निकलवाएगी रिकॉर्ड
रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी जल्द ही चंद्र के रियल एस्टेट के कारोबार का रिकॉर्ड राजस्व विभाग से निकलवाएगी, ताकि पता चले कि अग्रवाल और उससे रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े पार्टनर कौन हैं और कब प्रॉपर्टी खरीदी गई है। इनकी वर्तमान में कितनी कीमत है और जब खरीदी थी, तब कितनी थी।
व्हाइट मनी के साथ-साथ अन्य पैसे इस्तेमाल
ईडी को इनपुट मिले हैं कि प्रॉपर्टी खरीद के लिए व्हाइट मनी के साथ-साथ अन्य पैसे का इस्तेमाल हुआ है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा-अभी जांच शुरु की गई है। उन्होंने कहा रेड के दौरान अहम इनपुट मिले हैं। जिन पर जांच शुरू की गई है और आज प्राथमिक जांच मीडिया में शेयर कर दी जाएगी।
चंद्र को बुलाया जांच के लिए
जब उनसे पूछा गया कि चंद्रशेखर को जांच के लिए बुलाया गया है तो कहा कि बरामद किए गए डॉक्यूमेंट की जांच के बाद तय किया जाएगा। बता दें कि ईडी ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा, उनके करीबी हेमंत सूद और रॉयल इंडस्ट्रीज के प्रदीप अग्रवाल के घर व दफ्तर पर रेड की। एक अन्य टीम ने जालंधर में रियल एस्टेट कारोबारी चंद्रशेखर अग्रवाल उर्फ शेखर वासी जीटीबी नगर के घर और दफ्तरों रेड की। ईडी को इनपुट मिले थे कि संजीव अरोड़ा ने कथित तौर पर गैर-कानूनी तरीके से रियल एस्टेट फायदे लिए हैं।
महादेव ऐप विवाद में नाम उछला था
चंद्र अग्रवाल का नाम पहली बार साल 2023 के नवंबर महीने में उस समय मीडिया में आया था, जब मुंबई में महादेव ऐप को लेकर FIR दर्ज हुई थी। इसमें 32 आरोपियों की लिस्ट में चंद्र अग्रवाल का नाम था। मामले में सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं है, मगर केस में नामजद होने के बाद जालंधर में यह चर्चा का विषय बन गया था। जब चंद्र अग्रवाल का नाम इस मामले में चर्चा मे आया था तो तब भी जालंधर के रियल एस्टेट कारोबार में कुछ समय के लिए मंदी आ गई थी।