Goddess Lakshmi will be Happy Do This Work Immediately : क्या आप जानते हैं कि घर में कभी-कभी तुलसी का होना अशुभ भी हो सकता है। ऐसा सिर्फ तब होता है तुलसी का पौधा सूख जाता है। घर में कभी भी सूखा हुआ तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहिए। हिंदू धर्म में तुलसी को काफी अहमियत दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा लगा होता है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। उस घर में बरकत हमेशा बनी रहती है। हमें बस सुबह और शाम तुलसी की पूजा करनी होती है। उसके पास दीपक प्रज्वलित करना होता है। यह तुलसी हमारे घर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है। इससे मां लक्ष्मी आकर्षित होती है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यदि पौधा सूख जाए तो उसका क्या करना है? फिर से कैसे तुलसी को शुभ बनाना है? चलिए जानते हैं।
पौधा सूख जाए तो ये करें
घर में यदि कोई तुलसी का पौधा सुख जाए तो उसे गमले से निकालना चाहिए। लेकिन यह काम आपको सुबह नहाने के बाद ही करना है। इस काम के लिए आप रविवार या एकादशी का दिन न चुने। इन दोनों दिनों तुलसी नहीं तोड़ी जाती है।
राम तुलसी घर में लगायें
जब आप सूखी तुलसी को निकाल लें तो इसे किसी बहते हुए पानी में विसर्जित कर दें। इसके बाद आप उस गमले में नई तुलसी लगा सकते हैं। यह तुलसी गुरुवार के दिन लगाई जाए तो बड़ा शुभ माना जाता है। जहां तक संभव हो राम तुलसी ही घर में लगानी चाहिए।
वो मिट्टी भी शुभ होती है
श्याम तुलसी को मंदिर जैसी जगहों में लगाना चाहिए। यदि आपको नई तुलसी लाने और लगाने में देर हो रही है तो आप तब तक खाली तुलसी के गमले की पूजा भी कर सकते हैं। माना जाता है कि जिस गमले में तुलसी लगी होती है उसकी मिट्टी भी शुभ होती है।
घर में तुलसी लगाने के लाभ
घर में तुलसी लगाने के कई लाभ होते हैं। यह घर की नेगेटिव एनर्जी को बाहर निकाल देती है। इसे लगाने से घर में लड़ाई-झगड़े नहीं होते हैं। इतना ही नहीं ये तुलसी आपको मुसीबतों से भी बचाती है। यदि घर में कोई तुलसी सूख जाए तो समझ लें कि इसने आपके घर पर आने वाली मुसीबत खुद ही झेल ली। इसलिए यह सूख गई।
घर में मां लक्ष्मी का आगमन
इसके अलावा तुलसी की सुबह और शाम पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। पैसों को लेकर हमारा भाग्य चमक जाता है। घर में बरकत बनी रहती है। वहीं कुंवारे लोग यदि रोज दिल से तुलसी की पूजा करें तो शादी भी जल्दी हो जाती है। तुलसी की पत्तियां खाने से कई सेहत से जुड़े लाभ भी मिलते हैं।